आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। बुधवार को लखनऊ यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राओं को योगी आदित्यनाथ को काले झंडे दिखाना आज महंगा पड़ गया। पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान गिरफ्तार किए गए छात्र-छात्राओं के खिलाफ गंभीर धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज करते हुए उन्हें न्यायलय में पेश किया। जहां से 14 छात्र-छात्राओं को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।
पुलिस की इस कार्रवाई को अमानवीय बताते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री की मौजूदगी में शांतिपूर्वक ढंग से प्रदर्शन कर रहे छात्र-छात्राओं की बर्बरतापूर्वक पिटाई ने साबित कर दिया कि भाजपा सरकार का लोकतंत्रिक व्यवस्थाओं में कोई विश्वास नहीं है। वह विरोध को कुचलने के फॉसिस्ट तरीकों पर ही भरोसा करती है। निर्दोष छात्र-छात्राओं को जेल भिजवाकर उनका उत्पीड़न करना लोकतांत्रिक सरकार का काम हो ही नहीं सकता।
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वहीं दूसरी ओर समाजवादी छात्र सभा के वरिष्ठ नेताओं ने अखिलेश यादव से मुलाकात कर कहा कि मामले के लिए दोषी लोगों पर कार्रवाई करने के बजाए छात्रों का ही उत्पीड़न किया जा रहा है। सीएम के कार्यक्रम में विश्वविद्यालय कोष से अनियमित तरीके से छात्रों का पैसा खर्च किया गया है। कुलपति को इस बारे में जबकि पहले ही ज्ञापन भी दिया जा चुका था। इतना ही नहीं वित्त नियंत्रक और कर्मचारी परिषद ने भी क्रीड़ा परिषद के हिंदवी साम्राज्य दिवस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के वित्तीय संसाधनों का दुरूपयोग करने का विरोध किया था।
इन छात्रों को गंभीर धाराओं में भेजा गया जेल
हसनगंज थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार अंकित सिंह ‘बाबू’, महेंद्र यादव, अनिल यादव, राकेश समाजवादी, पूजा शुक्ला, माधुर सिंह, अपूर्वा वर्मा, विनीत कुमार कुश्वाहा, सतवत सिंह, अशोक कुमार ‘प्रभात’ व नितिन राज को पुलिस ने धारा 147, 353, 504, 506, 332, 341, 120 बी के साथ ही अधिनियम 1932 की धारा 7 के तहत चालान किया।
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तीन छात्र 151 के तहत पहुंचे जेल
वहीं प्रदर्शन में शामिल होने जाने के दौरान महानगर क्षेत्र में पकड़े गए हर्ष यादव, वैभव मिश्रा और हिमांशु का महानगर पुलिस ने 151 के तहत शांतिभंग में चालान कर न्यायालय में पेश किया। इंस्पेक्टर महानगर ने बताया कि इन तीनों को भी न्यायालय ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।