आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। मायावती, लालू प्रसाद यादव, अखिलेश यादव, सोनिया गांधी समेत विपक्ष के अन्य दिग्गजों को एक मंच पर लाने वाले पोस्टर के सामने आने के कुछ घंटों बाद ही बसपा सुप्रीमो मायावती ने पोस्टर की सही हकीकत मीडिया के सामने खोल दी है। पूर्व मुख्यमंत्री ने एक बयान जारी करते हुए पोस्टर का खण्डन किया है। कहा कि बसपा का कोई आधिकारिक टि्वटर एकाउण्ट नहीं है और इसलिये टि्वटर के माध्यम से जारी किये गये ‘पोस्टर’ के सम्बंध में प्रकाशित व प्रसारित होने वाली खबरें गलत व झूठा प्रचार हैं।
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हालांकि मायावती के ट्विटर एकाउंट और पोस्टर से कोई संबंध नहीं होने के बयान के बाद अब सवाल उठने लगा है कि एकाउंट कौन ऑपरेट कर रहा है, और इस तरह का पोस्टर वॉयरल कराने के पीछे का मकसद क्या है।
शरारतपूर्ण दिखाई दे रहा पोस्टर
वहीं मायावती ने यह भी कहा है कि बसपा विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात देश के सामने रखने के लिये लगातार खास तौर से हिन्दी में प्रेसनोट जारी करती रहती है ताकि विस्तार से अपनी बातें मीडिया व लोगों के सामने रख सके, जबकि ट्विटर में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। मायावती ने कहा कि विपक्षी एकता के जिस पोस्टर के हवाले से खबर बनाई है वह प्रथम दृष्टया में ही गलत व शरारतपूर्ण दिखाई दे रहा है।
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पोस्टर वाली नीति भी बसपा से अलग
मायावती ने कहा कि बीएसपी की नीति व सिद्धान्त ‘सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ पर आधारित है और इसको ही मुख्य लक्ष्य रखकर हमेशा इसकी ही बात करती है, जबकि टि्वटर वाले पोस्टर में ‘बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय’ को दशार्या गया है, जो कि गलत है। इसके अलावा उस पोस्टर में और भी कई त्रुटियां हैं।
मीडिया से भी किया अनुरोध
बता दें कि बहुजन समाज पार्टी के नाम से बने एक ट्विटर एकाउंट से कथित पोस्टर जारी होने के बाद कुछ समाचार पत्रों और चैनलों ने हड़बड़ी दिखाते हुए इसे प्रकाशित और प्रसारित कर दिया था। इतना ही नहीं कुछ ने तो ट्विटर एकाउंट को भी बसपा का ही आधिकारिक एकाउंट घोषित कर दिया था। इसी बात पर आज बसपा अध्यक्ष ने मीडिया से अनुरोध किया कि ऐसी खबरों के प्रकाशन व प्रसारण से पहले बीएसपी की आधिकारिक टिप्पणी जरुर ले लेनी चाहिए।
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