आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। आज देश के 14 वें राष्ट्रपति पद के लिए शपथ लेने से पहले रामनाथ कोविंद के बाबा साहब को पुष्प न अर्पित करने पर बसपा सुप्रीमो ने खासी नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि रामनाथ कोविंद के दलित होने के बाद उनसे यह उम्मीद नहीं की सकती कि वह बाबा साहब को पुष्प अर्पित नहीं करेंगे। जबकि आज अगर वह राष्ट्रपति बने है तो यह संविधान रचियता डा. भीमराव अंबेडकर की ही देन है।
यह भी पढ़ें- देश की रीढ़ माने जाने वाले किसानों पर भाजपा सरकार चलवा रही गोलियां: मायावती
रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति बनने की बधाई देते हुए मायावती ने अपने एक बयान में मीडिया से कहा कि अच्छा होता कि अगर वे आज राजघाट जाकर गाँधी जी को फूल अर्पित करने के साथ-साथ संसद परिसर में लगी बाबा साहेब की प्रतिमा पर भी अपने श्रद्धा के कुछ फूल अर्पित कर देते।
यह भी पढ़ें- मायावती ने कहा राष्ट्रपति पद के लिए दलित कोविंद को बसपा देगी समर्थन, मगर…
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि दलित समाज से ताल्लुक रखने वाले व्यक्ति से यह उम्मीद की ही जा सकती है कि वह बाबा साहेब के जीवन संघर्ष व उनके बलिदानों के प्रति हमेशा ही कृतज्ञ रहेगा। उन्हें पुष्प अर्पित नहीं करना बीजेपी व एनडीए एण्ड कम्पनी की अम्बेडकर-विरोधी मानसिकता को प्रदर्शित करता है, जिस पर देश के दलितों की खास नजर है।
यह भी पढ़ें- शासन-प्रशासन की लापरवाही से लगी इको गार्डेन में भीषण आग: मायावती
दलित को राष्ट्रपति बनाने के लिए बसपा ने किया मजबूर
वहीं मायावती ने यह भी कहा कि भाजपा को दलित वर्ग के व्यक्ति को राष्ट्रपति बनाने के लिए बाबा साहब के बाद उनके मूवमेंट को गति देने वाले कांशीराम व बसपा ने ही मजबूर किया। इस बात को लोगों को याद रखना चाहिए।
यह भी पढ़ें- NDTV के प्रणय राय व उनकी पत्नी के ठिकानों पर CBI की रेड, सोशल मीडिया पर आरोपों की बाढ़
अब गुजरात के सीएम नहीं देश के प्रधानमंत्री है मोदी
मायावती ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोलते हुए भेदभाव का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बाढ़ से गुजरात के साथ-साथ देश के अन्य राज्य भी बुरी तरह से प्रभावित हैं। ऐसी स्थिति में नरेन्द्र मोदी को केवल गुजरात का ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों का भी पूरा ध्यान रखना चाहिये। क्योंकि अब वे गुजरात के मुख्यमंत्री नहीं हैं, बल्कि देश के प्रधानमंत्री हैं। साथ ही गैर बीजेपी शासित राज्यों की भी केंद्र सरकार को पूरी मद्द करनी चाहिए।