आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाश पर्व के अवसर पर आज देश को संबोधित किया और इस दौरान उन्होंने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया। पिछले एक साल से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए किसान दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे थे। किसानों की मांग को देखते हुए आखिरकार प्रधानमंत्री मोदी ने खुद किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले के मुकाबले कृषि बजट पांच गुना बढ़ाया गया है।
मोदी ने कहा आज मैं आपको, पूरे देश को, ये बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्णय लिया है। इस महीने के अंत में शुरू होने जा रहे संसद सत्र में, हम इन तीनों कृषि कानूनों को रिप्लेस करने की संवैधानिक प्रक्रिया को पूरा कर देंगे।
यूपी में कई योजानाओं के शिलान्यास और उद्घाटन के लिए रवाना होने से पहले प्रधानमंत्री ने ये ऐलान किया है। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा, “मैंने अपने पांच दशकों के कामकाज के दौरान किसानों की मुश्किलें देखी हैं। जब देश ने मुझे प्रधानमंत्री बनाया, तो मैंने कृषि विकास या किसानों के विकास को अत्यधिक महत्व दिया।”
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मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने पिछले सात सालों में देश में कृषि के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं। साथ ही कहा कि उनकी सरकार में किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड दिया गया है और इससे कृषि उत्पादन में सुधार करने में मदद मिली है। पीएम ने कहा कि उनकी सरकार के दौरान किसानों को मुआवजे के तौर पर एक लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं।
इसके अलावा बीमा और पेंशन भी प्रदान किए गए। उन्होंने कहा कि किसानों के खातों में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण किया गया। राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के कार्यकाल में ग्रामीण बाजार के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया गया है और एमएसपी भी बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि देश में सूक्ष्म सिंचाई कोष को भी दोगुना किया गया है। किसानों की आर्थिक दशा सुधारने के लिए फसल ऋण भी दोगुना कर दिया गया है।