आरयू ब्यूरो, लखनऊ। वाराणसी में चल रहे ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे मामले में अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी एक बयान दे दिया है। जिसके सीएम योगी ने कहा कि अगर हम इसे मस्जिद कहेंगे तो फिर विवाद होगा। सरकार ज्ञानवापी विवाद का समाधान चाहती है। योगी ने कहा कि इस पूरे मामले में मुस्लिम पक्ष को आगे आना चाहिए और कहना चाहिए कि ऐतिहासिक गलती हुई है, उस गलती का हम समाधान चाहते हैं समाधान हो। इसके अलावा योगी ने सवाल किया कि यदि ज्ञानवापी एक मस्जिद है, तो फिर वहां त्रिशूल क्या कर रहा था?
मुख्यमंत्री ने सोमवार को कहा कि सरकार समस्या का समाधान खोजने के प्रयास कर रही है। हालांकि सीएम ने एक इंटरव्यू में कहा कि ज्ञानवापी के अंदर देव प्रतिमाएं हैं। इन्हें हिंदुओं ने वहां नहीं रखा है। मुझे लगता है कि भगवान ने जिसे दृष्टि दी है वो इसे देखे। ज्ञानवापी में ज्योर्तिलिंग है, देव प्रतिमाएं है। पूरी दीवारें चिल्ला-चिल्लाकर क्या कह कह रही हैं?
यह भी पढ़ें- ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे पर स्वामी प्रसाद मौर्या ने कहा, बद्रीनाथ भी था पहले बौद्ध मठ, अमन-चैन के लिए बहाल रखी जाए 1947 की यथास्थिति
साथ ही योगी ने कहा, ‘देश संविधान से चलेगा, मत और मजहब से नहीं। देखिए मैं ईश्वर का भक्त हूं, लेकिन पाखंड में विश्वास नहीं करता हूं। आपका मत और मजहब अपने तरीके से होगा। अपने घर में होगा। आपके मस्जिद, इबादतगाह तक होगा। यह सड़कों पर प्रदर्शन करने के लिए नहीं होगा और आप इसको किसी दूसरे पर थोप नहीं सकते हैं। अगर देश में किसी को रहना है तो उसे देश को सबसे ऊपर रखना होगा, न कि अपने मजहब और मत को।’
साथ ही उन्होंने कहा है कि सर्वे में कोई बाधा नहीं डालनी चाहिए। हालांकि ज्ञानवापी के सर्वे को लेकर इस वक्त इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। तीन अगस्त को इस पर फैसला आ सकता है। इस बीच सीएम योगी की टिप्पणी खास मायने रखती है।