आरयू ब्यूरो, लखनऊ/ प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर से सांसद रहे अफजाल अंसारी को सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट से झटका लगा है। हाई कोर्ट ने पूर्व सांसद की जमानत अर्जी मंजूर कर दी है, जिससे उनके जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया है, हालांकि हाई कोर्ट ने एमपी-एमएलए कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इस प्रकार भले ही पूर्व सांसद जेल से बाहर आ जाएंगे, लेकिन उनकी संसद सदस्यता बहाल नहीं हो पाएगी।
जस्टिस राजवीर सिंह की सिंगल बेंच ने आज ये फैसला सुनाया है। इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने 12 जुलाई को अपना जजमेंट रिजर्व कर लिया था। अपने फैसले में हाई कोर्ट ने गैंगस्टर मामले में अफजाल अंसारी को मिली चार साल की सजा पर रोक लगाए जाने से इनकार कर दिया है।
कोर्ट ने पूर्व सांसद की अर्जी को खारिज किया है। लोकसभा की सदस्यता बचाए रखने के लिए अफजाल अंसारी ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी। हाई कोर्ट के सजा पर रोक लगाने पर अफजाल की लोकसभा की सदस्यता बहाल हो सकती थी। गाजीपुर से बीएसपी के निवर्तमान सांसद अफजाल अंसारी को इससे बड़ा झटका लगा है।
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इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अफजाल अंसारी की जमानत की अर्जी मंजूर कर अंसारी को जमानत पर जेल से रिहा किए जाने का आदेश दिया है। कोर्ट ने बीमारी व अन्य आधार पर पूर्व सांसद अफजाल अंसारी को जमानत दी है। गैंगस्टर मामले में गाजीपुर की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने अफजाल अंसारी को इसी साल 29 अप्रैल को दोषी करार देते हुए चार साल की सजा सुनाई थी। इसी सजा की वजह से अफजाल अंसारी को जेल जाना पड़ा था और उनकी लोकसभा की सदस्यता निरस्त कर दी गई थी। हालांकि, लेकिन अभी अफजाल अंसारी के पास सिर्फ सुप्रीम कोर्ट का ही सहारा बचा है।
पूर्वांचल के बाहुबली मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी के खिलाफ साल 2005 में हुई बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय मर्डर केस के आधार पर गैंगस्टर का केस दर्ज हुआ था। हालांकि कृष्णानंद राय मर्डर केस में अफजाल अंसारी व अन्य आरोपित 2019 में ही बरी किए जा चुके हैं। लोकसभा की सदस्यता बचाए रखने के लिए अफजाल अंसारी ने सजा के खिलाफ दाखिल अपील पर अंतिम फैसला आने तक इस पर रोक लगाए जाने की गुहार इलाहाबाद हाई कोर्ट से लगाई थी।