आरयू वेब टीम।
राफेल डील को लेकर एक ओर जहां कांग्रेस समेत दूसरे विपक्षी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सड़क से लेकर संसद और सुप्रीम कोर्ट में घेरने में लगे हैं। वहीं दूसरी ओर मंगलवार को इस मामले में दसॉ एविएशन के सीईओ एरिक ट्रेपियर का एक बड़ा बयान सामने आया है।
समाचार एजेंसी एएनआइ को आज दिए इंटरव्यू में एरिक ट्रेपियर ने कहा है कि ‘मैं झूठ नहीं बोलता। जो सच मैंने पहले बोला और जो बयान मैंने दिए वो सब सच हैं। झूठ बोलने के लिए मुझे नहीं जाना जाता। सीईओ की मेरी पोजीशन में आप झूठ नहीं बोलते।‘
ट्रेपियर ने ये भी कहा कि हमने अंबानी को खुद ही चुना। हमारे पास रिलायंस के अलावा पहले से ही 30 पार्टनर हैं। इंडियन एयर फोर्स डील का समर्थन कर रही है क्योंकि उसे अपनी रक्षा सर्वोच्च रखने के लिए फाइटर प्लेन चाहिए।‘
वहीं सीईओ ने ये भी दावा किया कि उनकी कंपनी रिलायंस में पैसे नहीं डाल रही है। पैसा दासौ-रिलायंस में जा रहा है। जहां तक डील के इंडस्ट्रियल वाले हिस्से की बात है, वहां दासौ के इंजीनियर और कर्मचारी अगुआई कर रहे हैं।‘
कम करने पड़े विमान के नौ प्रतिशत दाम
विमान के दाम पर दासौ के सीईओ बोले कि ’36 फ्लाईअवे का दाम उतना ही है जब आप 18 फ्लाईअवे से इसकी तुलना करते हैं। 18 का दोगुना 36 है। जहां तक मुझे लगता था, दाम भी दोगुने होने चाहिए थे, चूंकि यह सरकार से सरकार के बीच समझौता था, मुझे नौ प्रतिशत दाम घटाने पड़े।
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इस दौरान एरिक ट्रेपियर ने कांग्रेस के आरोपों पर कहा कि ‘कांग्रेस के साथ लंबा अनुभव है। भारत के साथ हमारी पहली डील नेहरू के समय 1953 में हुई थी। बाद में दूसरे प्रधानमंत्रियों के साथ हुई। हम किसी पार्टी के लिए काम नहीं कर रहे हैं। हम इंडियन एयरफोर्स और भारत सरकार को रणनीतिक प्रोडेक्ट मुहैया करा रहे हैं। यही सबसे महत्वपूर्ण है।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस राफेल डील को घोटालों की झील बताते हुए इसमें भारी अनियमितताओं का आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्र सरकार पर लगातार लगा रही है। उसका दावा है कि सरकार 1670 करोड़ रुपए प्रति विमान की दर से राफेल खरीद रही है, जबकि यूपीए सरकार के समय इस सौदे पर बातचीत के दौरान इस विमान की कीमत 526 करोड़ रुपए प्रति राफेल तय हुई थी। कांग्रेस दासौ के ऑफसेट पार्टनर के तौर पर रिलायंस डिफेंस के चयन को लेकर भी सरकार को निशाना बना रही है। वहीं अब सीईओ के इस बयान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत केंद्र सरकार को विरोधी हमलों को लेकर काफी राहत मिल सकती है।
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