आरयू इंटरनेश्नल डेस्क।
अमेरिक दौरे पर पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने बर्कले स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया में इंडिया एट 70 विषय पर बोलते हुए मोदी सरकार की कार्यप्रणाली पर कई सवालिया निशान लगाएं। राहुल ने देश में आई कई दिक्कतों के लिए सीधे तौर पर प्रधानमंत्री और उनकी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। यहां राहुल गांधी ने अपने पिता राजीव गांधी और दादी इंदिरा गांधी को भी याद किया। पूरे फॉम में दिख रहे राहुल ने यहां यह भी कहा कि भाजपा ने उनके खिलाफ हजारों लोगों को सिर्फ इसलिए बैठा रखा है कि वह उनके काम और बात को गलत ढंग से जनता के सामने पेश कर सकें, लेकिन जनता सबकुछ समझती है।
राहुल गांधी की कही गई खास बातें-
भारत में अभी जॉब क्रिएट करने की कमी है, भारत को जॉब क्रिएटर बनना होगा, लेकिन हम चीन की नीति पर चलकर जॉब क्रिएट नहीं कर सकते हैं, हमें लोकतांत्रिक तरीके से ही यह मुकाम हासिल करना होगा। भारत में छोटे-कारोबार में ही जॉब हैं।
भारत अहिंसा पर विश्वास करने वाला देश है। हिंसा की राजनीति से कुछ नहीं मिलने वाला है। राहुल गांधी ने कहा कि मेरे पिता और दादी को मार दिया गया। मैंने बचपन से ही हिंसा की त्रासदी को झेला है, हिंसा से किसी का भला नहीं होने वाला है। जिन लोगों ने मेरी दादी को गोली मारी उनके साथ मैं बैडमिंटन खेलता था।
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राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा मोदी सरकार ने नोटबंदी का फैसला लेते वक्त संसद तक से चर्चा नहीं की। इस वजह से जीडीपी दो प्रतिशत तक गिर गया और लोगों को रोजगार के लिए जूझना पड़ रहा है।
पीएम पद की उम्मीदवारी को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि मैं प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी लेने को तैयार हूं, लेकिन हमारी पार्टी में लोकतंत्र है। यदि पार्टी कहेगी तो ही मैं जिम्मेदारी संभालने से पीछे नहीं हटूंगा।
उनकी बातों को लेकर बनने वाले इश्यू पर राहुल ने कहा कि भाजपा ने हजारों लोगों को सोशल मीडिया पर बैठा रखा है जो दिनभर मेरे खिलाफ एजेंडा तैयार करते रहते हैं। मेरे हर बयान और मेरे काम को गलत संदर्भ में दिखाने का प्रयास किया जाता है, लेकिन दुनिया मुझे देख रही है वह झूठे हथकंडों को समझ रही है।
राहुल ने बीजेपी और आरएसएस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस उनकी तरह नहीं है। दस साल जो पार्टी सत्ता में रही वह इस समय बुरे दौर से गुजर रही है। उन्होंने आगे कहा कि भारत में कोई लंबे समय तक सत्ता में नहीं रह सकता। वहीं राहुल ने बड़ी सफाई से यह भी माना कि 2012 आते-आते तक कांग्रेस में घमंड आ गया था और वह जनता से दूर हो गई थी, जिसका खामियाजा उसे लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ा।
पुरानी बातों का जिक्र करते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि भारत में जब राजीव गांधी ने कंप्यूटर के बारे में बात की थी, तो उसका पुरजोर विरोध किया गया था। भाजपा के नेता जो बाद में भारत के प्रधानमंत्री बने थे, उन्होंने भी कंप्यूटर का विरोध किया था।
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जम्मू कश्मीर के बिगड़ते हालात और समाधान पर बात करते हुए राहुल गांधी बोले कि नौ साल मैंने मनमोहन सिंह, चिंदबरम, जयराम नरेश के साथ मिलकर कश्मीर पर काम किया, जब मैंने वहां काम शुरू किया था तब कश्मीर में आतंकवाद चरम पर था, 2013 में मैंने मनमोहन को गले लगाकर कहा कि आप की सबसे बड़ी सफलता कश्मीर में आतंकवाद को कम करना है।
भाजपा में मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी की स्थिति की ओर इशारा करते हुए राहुल गांधी बोले कि अभी हम सीनियर और जूनियर के बीच में एक पुल बना रहे हैं, हम अपने सीनियर लोगों को साइड नहीं कर सकते हैं।
राहुल गांधी ने कहा कि केंद्र सरकार ने सूचना के अधिकार को भारी नुकसान पहुंचाया है, हमने सिस्टम में पारदर्शिता लाने के लिए ये कानून बनाया था।
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