आरयू वेब टीम। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार म्यांमार के साथ सीमा पर बाड़ाबंदी करेगी। यह कदम दोनों देशों के बीच आसान आवाजाही को रोकने के लिए उठाया गया है। शाह का यह ऐलान ऐसे समय में आया है जब बड़ी संख्या में म्यांमार के सैनिक जातीय संघर्ष से बचने के लिए वहां से भागकर भारत आ रहे हैं।
रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले तीन महीनों में म्यांमार के लगभग 600 सैनिक सीमा पार कर भारत में आए हैं। पश्चिमी म्यांमार में अराकान आर्मी नामक जातीय समूह ने इनके कैंप्स पर कब्जा कर लिया था जिसके बाद से इन्होंने मिजोरम के लॉन्गतलाई जिले में शरण ले रखी है। सीमा पर बाड़ाबंदी दोनों देशों के बीच फ्री मूवमेंट रेजिमे खत्म कर देगी और इसके लिए वीजा जरूरी हो जाएगा। फ्री मूवमेंट रेजिमे को साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने लागू किया था।
इसके तहत दोनों देशों में 16 किलोमीटर तक लोगों को बिना किसी दिक्कत आने-जाने की अनुमति है। इस व्यवस्था के खत्म हो जाने के बाद सीमा पर रहने वाले लोगों को आने-जाने के लिए वीजा की जरूरत पड़ेगी। भारत और म्यांमार करीब 1600 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं।
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इस व्यवस्था के तहत लोग बॉर्डर पास दिखाकर सीमा पार कर सकते हैं और दो सप्ताह तक दूसरे देश में रह सकते हैं। इस पास की वैधता एक साल की होती है। म्यांमार की सीमा भारत के चार राज्यों को छूती है। ये राज्य मिजोरम, मणिपुर, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश हैं। इसे खत्म करके सरकार अवैध इमिग्रेशन, ड्रग्स पर रोक व नॉर्थ ईस्ट भारत में घुसपैठ पर रोक लगाना चाहती है।