आनंद मोहन की रिहाई से नाखुश मायावती ने CM नीतीश पर उठाए सवाल, सरकार को बताया दलित विरोधी

मुस्लिम आरक्षण का विरोध

आरयू ब्यूरो, लखनऊ। करीब 29 साल पहले बिहार में गोपालगंज के जिलाधिकारी रहे जी कृष्णैया की हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व बाहुबली सांसद आनंद मोहन की रिहाई के लिये नियमों में बदलाव होने पर मायावती ने बिहार सरकार पर हमला बोला है। बसपा सुप्रीमो ने रविवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी सरकार को दलित विरोधी करार दिया है।

मायावती ने रविवार को ट्वीट कर कहा कि“ बिहार की नीतीश सरकार द्वारा, आन्ध्र प्रदेश (अब तेलंगाना) महबूबनगर के रहने वाले गरीब दलित समाज से आइएएस बने बेहद ईमानदार जी. कृष्णैया की निर्दयता से की गई हत्या मामले में आनन्द मोहन को नियम बदल कर रिहा करने की तैयारी देश भर में दलित विरोधी निगेटिव कारणों से काफी चर्चाओं में है।”

एक अन्य ट्वीट में “आनन्द मोहन बिहार में कई सरकारों की मजबूरी रहे हैं, लेकिन गोपालगंज के तत्कालीन डीएम श्री कृष्णैया की हत्या मामले को लेकर नीतीश सरकार का यह दलित विरोधी व अपराध समर्थक कार्य से देश भर के दलित समाज में काफी रोष है। चाहे कुछ मजबूरी हो किन्तु बिहार सरकार इस पर जरूर पुनर्विचार करे।”

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गौरतलब है कि आनंद मोहन अगले महीने अपने विधायक पुत्र चेतन आनंद के विवाह में शामिल होने के लिये सहरसा जेल से बाहर आये हैं। इससे पहले फरवरी में उन्हे अपनी पुत्री के विवाह के लिये 15 दिन की पैरोल पर रिहा किया गया था। उन्हें वर्ष 1994 में गोपालगंज के तत्कालीन जिलाधिकारी कृष्णैया की हत्या के आरोप में फांसी की सजा हुयी थी जिसे बाद में उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया था।

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