पेगासस जासूसी मामले पर मायावती ने की जांच की मांग, “कहा, गले के नीचे नहीं उतर रही केंद्र की सफाई”

मायावती का पलटवार

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस की मदद से देश में कई लोगों के फोन टैप हुए हैं, इस बात की जानकारी के बाद विपक्ष ने मोदी सरकार को न सिर्फ इसका जिम्‍मेदार ठहराया है, बल्कि लगातार उनसे सवाल भी कर रहा है। इसी क्रम में मंगलवार को यूपी की पूर्व मुख्‍यमंत्री ने भी मोदी सरकार पर निशाना साधा है। मायावती ने कहा है कि ये अति गंभीर मामला है, जिससे देश भर में खलबली मची है। इस मामले में केंद्र की सफाई लोगों के गले नहीं उतर रही है। बसपा सुप्रीमो ने इस पूरे मामले की जल्‍द से जल्‍द निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है।

मायावती ने आज अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट के माध्‍यम से एक के बाद एक दो ट्वीट कर मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्‍होंने कहा कि जासूसी का गंदा खेल और ब्लैकमेल आदि कोई नई बात नहीं, लेकिन काफी महंगे उपकरणों से निजता भंग करके मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, अफसरों और पत्रकारों आदि की सूक्ष्म जासूसी करना अति-गंभीर और खतरनाक मामला है, जिसका भण्डाफोड़ हो जाने से यहां देश में भी सनसनी फैली हुई है।

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वहीं अपने दूसरे ट्वीट में बसपा सुप्रीम ने कहा कि इस संबंध में केंद्र की बार-बार अनेक प्रकार की सफाई, खण्डन और तर्क लोगों के गले के नीचे नहीं उतर पा रहे हैं। सरकार और देश की भी भलाई इसी में है कि मामले की गंभीरता को ध्यान में रखकर इसकी पूरी स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच यथाशीघ्र कराई जाए, ताकि आगे जिम्मेदारी तय की जा सके।

ये है मामला

गौरतलब है कि दस देशों के मीडिया समूह के कई पत्रकारों ने मिलकर खुलासा किया है कि इजराइली कंपनी एनएसओ के स्पाइवेयर पेगासस के जरिए दुनिया भर के नेताओं, मंत्रियों, जजों, पत्रकारों और प्रभावशाली लोगों की जासूसी कराई है। फ्रांस की एक संस्था ने इस बारे में जानकारी जुटाई है कि इजराइली जासूसी नेटवर्क का इस्तेमाल भारत में भी किया गया था। भारत में जासूसी के शिकार हुए लोगों की संख्या करीब 40 हैं, हालांकि जासूसी किसने कराई? इसका खुलासा अभी नहीं किया गया है।

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