आरयू वेब टीम।
कई दिनों से सामने आ रहा कांवड़ियों का उत्पात का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना गंभीर बात है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड ने कहा कि इलाहाबाद में नेशनल हाईवे के एक हिस्से को कावंडियों ने बंद कर दिया। इस पर सख्त लहजे में जस्टिस चंद्रचूड़ ने ऐसा कांवड़ियों के लिए कहा कि आप अपने घर को जलाकर हीरो बन सकते हैं लेकिन तीसरे पक्ष की संपत्ति नहीं जला सकते।
सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को पुलिस को स्पष्ट निर्देश दिया है कि जो कांवड़िए तोड़फोड़ की घटनाओं में शामिल हों या जो कानून को अपने हाथों में लें, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए। सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हम कानून में बदलाव का इंतजार नहीं करेंगे। हम इस पर कार्रवाई करेंगे। इस पर सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार की ओर से एजी के के वेणुगोपाल ने इसे मंजूर किया।
यह भी पढ़ें- दिल्ली में कावड़ियों का उत्पात, पुलिस के सामने तोड़ी कार
हमें जिम्मेदारी करनी होगी तय
साथ ही कोर्ट ने कहा कि देश हर हफ्ते पढ़े-लिखे लोगों द्वारा दंगे देख रहा हैं। हमने वीडियो में कांवडियों को कार को पलटते हुए देखा, क्या कारवाई हुई? इतना ही नहीं अन्य घटनाओं का जिक्र करते हुए कोर्ट ने कहा कि पदमावत फिल्म को लेकर हंगामा किया गया, फिल्म की हीरोइन की नाक काटने की धमकी दे दी गई, मराठा आरक्षण और एससी-एसटी एक्ट को लेकर हिंसा हुई, क्या इन सबमें कार्रवाई हुई? हमें जिम्मेदारी तय करनी होगी। हिंसक भीड़ से निजी संपत्ति को नुकसान के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल ने यह बातें कही।
बता दें कि दिल्ली के मोतीनगर में सात अगस्त को कार से छू जाने पर कांवड़ कांवड़ियों ने कार में जमकर तोड़फोड़ की थी तथा कार को पलट दिया था और घटनास्थल पर पहुंचे पुलिसकर्मी भी गुंडागर्दी पर उतारु कांवड़ियों को रोकने में नाकाम साबित हुए। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था। वहीं दूसरा मामला उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से मामला सामने आया है, जहां कांवड़ियों ने पुलिस जीप की तोड़-फोड़ की है।