आरयू ब्यूरो,लखनऊ। लखीमपुर खीरी हत्याकांड के मुख्य आरोपित केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर सोमवार को सुनवाई हुई। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में जस्टिस कृष्ण पहल की बेंच में योगी सरकार ने अपना पक्ष रखा। अब अगली सुनवाई आठ जुलाई को होगी।
कोर्ट ने बीते 25 मई को इस याचिका पर सरकार को अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था। बीती 23 मई को जज डीके सिंह ने मामले की सुनवाई की थी। इस दौरान आरोपी लव कुश, अंकित दास, सुमित जायसवाल, शिशुपाल की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। वहीं, आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर सुनवाई नहीं की थी।
मामले की सुनवाई करते हुए लखनऊ बेंच ने कहा था कि राजनीतिक व्यक्तियों को गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी नहीं करनी चाहिए। उन्हें जनता के बीच मर्यादित भाषा में बयान देना चाहिए। पीठ ने यह टिप्पणी एसआइटी के इस निष्कर्ष को ध्यान में रखते की थी कि अगर केंद्रीय मंत्री ने किसानों के खिलाफ कटु शब्द न कहे होते तो तिकुनिया में हिंसा ही नहीं होती।
वहीं सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत याचिका रद्द कर दी थी। 25 अप्रैल को सरेंडर करने का आदेश दिया था, लेकिन आशीष ने 24 को ही सरेंडर कर दिया था।
यह भी पढ़ें- लखीमपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा की जमानत पर सुनवाई की बेंच से जस्टिस राजीव सिंह ने खुद को किया अलग
बता दें कि लखीमपुर खीरी के तिकोनिया मोड़ के पास किसानों की भीड़ पर थार गाड़ी चढ़ाई गई थी। गाड़ी से कुचलने और हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इसमें किसान, भाजपा के कार्यकर्ता और पत्रकार शामिल थे। किसानों की कुचल कर हत्या के मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र के बेटे आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बनाया गया है। एफआइआर तिकोनिया थाने में दर्ज कराई गई थी। पहले चार लोगों को गिरफ्तार किया गया, फिर आशीष मिश्र उर्फ मोनू की गिरफ्तारी हुई। इसके बाद आठ और लोगों को गिरफ्तार किया गया।