लखीमपुर किसान हत्याकांड के मुख्य आरोपित आशीष मिश्र ने CJM कोर्ट में किया सरेंडर, भेजा गया जेल

आशीष मिश्रा
फाइल फोटो।

आरयू ब्यूरो,लखनऊ। लखीमपुर किसान हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से इलाहाबाद हाई कोर्ट की जमानत बीते दिनों रद्द कर दी थी। इसके बाद रविवार को केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र  ‘टेनी’ के बेटे और लखीमपुर हत्याकांड के मुख्य आरोपित आशीष मिश्र ने सरेंडर कर दिया है। नाटकीय घटनाक्रम के तहत चुपचाप सदर कोतवाली की जीप से आशीष मिश्र को जिला जेल ले जाया गया, जबकि वारंट तिकुनिया थाने में भेजा गया था।

आशीष मिश्र ने रविवार को अवकाश के दिन ही आत्मसमर्पण कर दिया। आशीष मिश्रा सीजेएम कोर्ट पहुंचा और सरेंडर कर दिया, जिसके बाद पुलिस आशीष मिश्रा को चुपचाप गाड़ी में बैठाकर जेल ले गई। यहां तक कि आशीष मिश्रा की जेल में एंट्री भी पिछले दरवाजे से कराई गई। सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्र को 25 अप्रैल तक सरेंडर करने के आदेश दिये थे। उधर, 26 अप्रैल को ही जिला अदालत में आशीष मिश्रा पर आरोप तय करने को लेकर सुनवाई लगी है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट से जमानत आदेश रद्द होने के बाद प्रमुख आरोपित आशीष मिश्रा  को एक सप्ताह की मोहलत मिली थी, जो 25 अप्रैल सोमवार को समाप्त हो रही थी। एक दिन पहले मंत्री के बेटे ने सरेंडर कर दिया। वहीं, इससे पहले अधिवक्ताओं ने बताया था कि 25 अप्रैल को आशीष मिश्रा सिविल कोर्ट मे उपस्थित होकर आत्मसमर्पण करेगा। उसके बाद 26 अप्रैल को जिला अदालत में आशीष मिश्रा पर आरोप तय करने को लेकर सुनवाई है।

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बता दें कि तिकुनिया हिंसा मामले में डिस्चार्ज एप्लीकेशन को लेकर भी तमाम दिक्कतें आ रही हैं। सह आरोपी अंकित दास, लतीफ काले, सत्यम त्रिपाठी, नंदन सिंह बिष्ट सहित पांच आरोपियों की ओर से डिस्चार्ज एप्लीकेशन की तैयारी में जुटे वरिष्ठ अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह गौड़ ने बताया कि 164 के अधीन दर्ज किए गए बयानों की नकल आवेदित किए हुए दस दिन से अधिक समय हो चुका है, लेकिन अभी तक स्टाफ की कमी के चलते नकल नहीं बनवाई जा सकी हैं। ऐसे में दस दिनों के भीतर डिस्चार्ज एप्लीकेशन को फाइनल टच दे पाना संभव नहीं हो पा रहा है। लेकिन, उनके स्तर से तैयारी जारी है।

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