आरयू वेब टीम। राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की बहुप्रतीक्षित अंतिम सूची शनिवार सुबह ऑनलाइन जारी कर दी गई है, जिसके मद्देनजर पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। साथ ही, हिंसा और सांप्रदायिक झड़पों की आशंकाओं को देखते हुए पुलिस, प्रशासन और गृह मंत्रालय अलग-अलग स्तरों पर जनता से शांति बनाए रखने और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।
एनआरसी असम में रह रहे भारतीय नागरिकों की एक लिस्ट है। इसे राज्य में अवैध तरीके से घुस आए तथाकथित बंगलादेशियों के खिलाफ असम में हुए छह साल लंबे जनांदोलन के नतीजे के तौर पर भी समझा जा सकता है। इस लिस्ट में लगभग 19 लाख लोगों को बाहर कर दिया गया है।
यह भी पढ़ें- SC ने कहा, जिनके नाम NRC में नहीं उनके खिलाफ दंडात्मक कदम न उठाया जाए
एनआरसी के राज्य समन्वयक प्रतीक हजारिका ने बताया कि कुल 3,11,21,004 लोगों को इस लिस्ट में जगह मिली है। उन्होंने कहा कि एनआरसी की फाइनल लिस्ट से 19,06,657 लोग बाहर हो गए हैं। एनआरसी बाहर से किए गए लोगों को अब तय समय सीमा के अंदर विदेशी न्यायाधिकरण या फॉरेन ट्राइब्यूनल के सामने अपील करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त तक एनआरसी की अंतिम सूची जारी करने की अंतिम समय सीमा तय की थी।
यह भी पढ़ें- असम NRC का फाइनल ड्रॉफ्ट जारी, लिस्ट से गायब 40 लाख लोगों के नाम
बोडोलैंड स्वायत्तशासी क्षेत्र जिले (बीटीएडी) के कई बोडो और चाय आदिवासी चिंतित नहीं हैं। उनका कहना है कि वे असम के स्थानीय निवासी हैं और कोई भी उन्हें उनकी जमीन से नहीं हटा सकता। राजनीतिक दलों द्वारा गलत तरीके से लोगों को एनआरसी में शामिल करने या निकाले जाने के आरोपों के बीच इसे आज सार्वजनिक किया जाएगा और राज्य प्रशासन ने गुवाहाटी सहित संवेदनशील इलाकों में निषेधाज्ञा लागू कर दी है।