आतिशबाजी से और जहरीली हुई राजधानी की हवा, धुंध की चादर में छिपा आसमान

दिवाली के बाद प्रदूषण

आरयू वेब टीम। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था, बावजूद इसके दिल्ली में दिवाली की रात जमकर आतिशबाजी हुई, जिसके चलते आसमान में धुआं छा गया और हवा की गुणवत्ता फिर से और खराब हो गई। दिवाली पर छोड़े गए पटाखों के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के आसमान में धुंध की चादर छा गई, जिसके चलते कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता ‘खराब’ कैटेगरी में पहुंच गई।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार आज पूरी दिल्ली में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। इस दौरान आनंद विहार में एक्यूआई 296, आरके पुरम में 290, पंजाबी बाग में 280 और आईटीओ में 263 मापा गया। इससे पहले रविवार देर रात दिवाली के जश्‍न के बीच हवा में प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगा और रात करीब 11.30 बजे राष्ट्रीय राजधानी के आरके पुरम इलाके में एक्यूआई 999 रिकॉर्ड किया गया, जबकि, जहांगीरपुरी, ओखला, श्रीनिवासपुरी, आनंद विहार, वजीरपुर, बवाना, रोहिणी में भी उस वक्त वायु गुणवत्ता सूचकांक गंभीर श्रेणी में पहुंच गया।

रविवार शाम यानी दिवाली की शाम दिल्ली का औसत एक्यूआई 218 दर्ज किया गया, जिसने दिवाली के दिन सबसे बेहतर हवा होने का पिछले आठ साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया, सालों बाद दिवाली के दिन दिल्ली की साफ हवा होने की खबर ने थोड़ी राहत जरूरी दी, लेकिन जैसे-जैसे दिन ढला दिल्ली की हवा में पटाखों का जहर घुलने लगा और रात होते-होते दिल्ली की हवा एक बार फिर से सांस लेने लायक नहीं बची। कई इलाकों में वायु की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में पहुंच गई।

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बता दें कि राजधानी में प्रदूषण के चलते इस साल भी पटाखों के बनाने, भंडारण, बिक्री और फोड़ने पर रोक लगी हुई है। बावजूद इसके राजधानी में जमकर पटाखे जलाए गए। जहां रविवार शाम दिल्ली का एक्यूआई 218 रहा तो वहीं रात होते होते ये कई इलाकों में गंभीर कैटेगरी में पहुंच गया।पिछले कुछ सालों में दिवाली पर इतना रहा एक्यूआइ केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक, दिवाली के दिन पिछले साल वायु की गुणवत्ता 312 रही।

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