फिर गंभीर श्रेणी में पहुंची राजधानी की हवा, टूट न जाए कहीं जहर का रिकॉर्ड

राजधानी की हवा

आरयू वेब टीम। देश की राजधानी दिल्‍ली में एक बार फिर हवा का स्‍तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। हवा में घुले जहर के चलते खासकर बच्‍चे, बूढ़े व मरीजों को काफी दिक्‍कत हो रही। सांस लेने की दिक्‍कत के चलते काफी लोग एक बार फिर मास्‍क लगाने को मजबूर हैं। प्रदूषण के चलते इस बार जहरीले वातावरण का रिकॉर्ड टूटने के भी करीब है। अब तक सिर्फ नवंबर में ही 11वीं बार दिल्‍ली में प्रदूषण गंभीर श्रेणी में पहुंच चुका है।

शनिवार सुबह वायु गुणवत्ता गंभीर की श्रेणी में रही और वायु गुणवत्‍ता सूचकांक 400 से ऊपर था। इस बार 11वीं बार जबकि पिछले साल नवंबर की बात करें तो मात्र तीन दिन राजधानी की वायु गुणवत्‍ता गंभीर श्रेणी में थी, जबकि नवंबर 2021 में यह स्थिति 12 दिन थी।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने जब से वायु गुणवत्ता सूचकांक पर नजर रखनी शुरू की है, तब से नवंबर में 2021 में सबसे अधिक दिन वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में रही थी। इस तरह अ‍गर दो दिन भी नवंबर में वायु प्रदूषण गंभीर स्थिति में रहता है तो इस बार 12 दिन का रिकॉर्ड टूट जाएगा।

हालांकि एक राहत वाली बात यह है कि पर्यावरण पर नजर रखने वाली एजेंसियों को उम्मीद है कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम संबंधी परिस्थितियों में रविवार से सुधार हो सकता है।

सीपीसीबी के पुराने आंकड़ों की बात करें तो, नवंबर 2020 में वायु गुणवत्ता नौ दिन, 2019 में सात दिन, 2018 में पांच दिन, 2017 में सात दिन, 2016 में 10 दिन और 2015 में छह दिनगंभीर श्रेणी में रही थी।

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केंद्र ने हवा की अनुकूल गति और दिशा के कारण प्रदूषण के स्तर में गिरावट के बाद पिछले शनिवार को दिल्ली में कुछ परियोजनाओं से संबंधित निर्माण कार्य और प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध सहित कड़े प्रतिबंध हटा दिए थे, जिसके बाद एक्यूआई के स्तर में वृद्धि हुई है।

दिल्ली के पड़ोसी शहर गाजियाबाद (424), गुरुग्राम (345), ग्रेटर नोएडा (398), नोएडा (393) और फरीदाबाद (426) में भी शनिवार को हवा की गुणवत्ता बहुत खराब अथवा गंभीर श्रेणी में दर्ज की गई।

ये हैं मानक

शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बेहद खराब’, 401 और 450 के बीच ‘गंभीर’ एवं 450 के ऊपर ‘अत्यंत गंभीर’ श्रेणी में माना जाता है।