आरयू वेब टीम।
ऐतिहासिक इमारतों से छेड़छाड़ का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले दिनों एक मकबरे को शिवालय में तबदील करने के बाद एक और ताजा मामला राजधानी दिल्ली का सामने आया है, जहां दिल्ली में 14वीं सदी पुरानी एक मस्जिद के बाहर लगे बोर्ड से ‘मस्जिद’ शब्द हटा दिया गया है।
यह मामला खिड़की मस्जिद का है, जहां किसी ने बोर्ड से मस्जिद शब्द हटा दिया है, जो प्रशासन के लिए रहस्य बना हुआ है। बताया जा रहा है कि कुछ लोग मस्जिद के बाहर लगे बोर्ड से यह शब्द हटा देते हैं। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार मस्जिद के बाहर नीले रंग का भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) का एक बोर्ड लगा है, जिस पर उस मस्जिद के बारे में लिखा है और कुछ लोग इस बोर्ड से मस्जिद शब्द हटा देते हैं।
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वहीं इस संबंध में वहां तैनात एक गार्ड का कहना है, ‘एक-डेढ़ साल पहले, पहली बार ऐसा हुआ था और हमनें एएसआई अधिकारियों को बताया और हमें वापस मस्जिद लिखने को कहा गया, लेकिन अगले दिन ऐसा ही वापस हुआ। गार्ड के अनुसार कई स्थानीय लोगों का दावा है कि यह महाराणा प्रताप का बनाया हुआ किला है।
दूसरी ओर इस पूरे मामले में एएसआई के एक अधिकारी का कहना है, ‘यह एक संवेदनशील मामला है और हमें इसके बारे में जानकारी जुटा रहें हैं। शायद एएसआई इंचार्ज ने किसी वरिष्ठ अधिकारी को इसके बारे में जानकारी नहीं दी थी। यह एएसआई की ओर से नहीं किया गया है, बल्कि यह शरारती तत्वों ने किया है।
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मालूम हो कि 1915 के भारत के राजपत्र के अनुसार, एएसआई ने “खिड़की मस्जिद” के रूप में अधिसूचित किया गया है। इस मस्जिद का निर्माण मलिक मकबूल ने किया था, जो कि फिरोज शाह तुगलक के शासन में दिल्ली सल्तनत के प्रधानमंत्री थे। हालांकि मस्जिद के बाहर लगे बोर्ड पर इसके इतिहास को लेकर कुछ नहीं लिखा है।
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