लखनऊ, आरयू ब्यूरो। दुनिया में सिर्फ भारत ऐसा देश है, जिसने पूरा विश्व परिवार माना है। यह सिर्फ भारतीय शिक्षा में ही संभव है। भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था विश्व में पांचवें पायदान पर है। वही साल 2027 तक टॉप थ्री में जगह बना लेगा। आजादी के सौ वर्ष पूरे होते-होते भारत विकसित देशों की श्रृंखला में खड़ा हो जाएगा। उक्त बाते रक्षामंत्री व लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कही है।
राजनाथ सिंह आज केजीएमयू के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित स्वावित्तपोषित विद्यालय प्रबंधक एसोसिएशन का आठवें वार्षिक अधिवेशन को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने आगे कहा कि जीवन के मूल्यों के प्रति भारत दुनिया में आकर्षण पैदा कर रहा। आज देश-विदेश के लोग भारत की सभ्यता में रंग रहे हैं।
साथ ही राजनाथ सिंह ने कहा कि राजनीति का शिक्षा के साथ खेल नहीं होना चाहिए, यह देश की विडंबना है कि राजनीति के शब्द का वास्तविक अर्थ खो दिया गया है। शिक्षा के माध्यम से इसे सार्थक सिद्ध किया जा सकता है। भारत सरकार की नई शिक्षा नीति का क्रियान्वयन वास्तव में शिक्षा की सारी व्यवस्था को बदल देगा अमीर और गरीब के बीच की खाई समाप्त कर देगा। नई शिक्षा नौति व्यक्ति के कौशल उसकी कुशलता उसके मानसिक स्तर को दर्शाएगी जो रटने की प्रवृत्ति है इस पर अंकुश लगेगा और लार्ड मैकाले द्वारा प्रदत शिक्षा प्रणाली को समाप्त कर स्वावलंबी बनने के लिए छात्र के हुनर को पहचान कर तकनीकी शिक्षा पर ज्यादा फोकस होगा।
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इस दौरान उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने कहा स्ववित्तपोषित विद्यालय प्रबंधन एसोसिएशन शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दे रहा, सबको शिक्षा मिले, शिक्षा में समानता का अधिकार देकर समाज को शिक्षित कर रहा है। उपमुख्यमंत्री होने के नाते मेरे सामने जो समस्याएं आएंगी उसके निस्तारण के लिए हर संभव मदद शासन द्वारा की जाएगी।
इससे पहले कार्यक्रम की शुरुआत राजनाथ सिंह व अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान शिक्षा के क्षेत्र में 35-40 से उत्कृष्ट कार्य कर रहे प्रबंधको को सम्मानित भी किया गया।
अधिवेशन में मेयर लखनऊ सुषमा खार्कवाल, विधान परिषद सदस्य मुकेश शर्मा, अवनीश सिंह, पवन सिंह, रामचंद्र प्रधान, उमेश द्विवेदी, करियर मेडिकल एवं डेंटल कॉलेज के संस्थापक अजमत खान, नरदेश्वर ग्रुप के दुर्गेश मणि त्रिपाठी, गिरधर सिंह, संजीव वर्मा, अंकित उपाध्याय, आलोक पांडे व रितेश श्रीवास्तव समेत अन्य लोग मौजूद रहें।