आरयू वेब टीम। लंबे समय से पत्नी व बेटे के साथ जेल में बंद सपा के कद्दावर नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान को आखिरकार मंगलवार को जमानत मिल ही गयी है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने रामपुर से सपा सांसद आजम खां के बेटे के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले और उनकी पत्नी डॉ. तंजीन फातिमा व बेटे अब्दुल्ला आजम खां की दो मामलों में जमानत मंजूर कर ली है।
दोनों के खिलाफ एक मामला अब्दुल्ला आजम के फर्जी जन्म प्रमाणपत्र से जुड़ा है, जबकि दूसरा मामला एक दुकान के आवंटन को लेकर दर्ज कराया गया है। इस मामले में आरोप है कि आजम खां ने शहरी विकास मंत्री रहते हुए अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके कम कीमत पर पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के नाम 2014 में शाप का आवंटन कराया था। इस मामले में आजम खां आरोपी नहीं बनाए गए थे।
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हाई कोर्ट ने तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खां को इस मामले में भी जमानत दे दी है। वहीं बेटे के फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में आजम खां, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा के साथ बेटे अब्दुल्ला आजम खां को कोर्ट ने जमानत दी है। दोनों ही मामलों में हाईकोर्ट ने सुनवाई पूरी होने के बाद एक सितंबर को फैसला सुरक्षित कर लिया था।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने फैसले में कहा कि आजम खां को शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना का बयान दर्ज होने के बाद रिहा किया जाए। साथ ही ट्रायल कोर्ट रामपुर से न्यायालय खुलने पर तीन माह के भीतर शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने की अपेक्षा की है।
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आजम खां उनकी पत्नी व बेटे के खिलाफ भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने रामपुर के गंज थाने में धोखाधड़ी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई है। जिसमें पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी है और मुकदमा चल रहा है। इस मामले में आजम खां व तंजीन फातिमा पर आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्मतिथि प्रमाणपत्र बनवाए हैं। एक नगर पालिका परिषद रामपुर व दूसरा नगर निगम लखनऊ से बनवाया है। दोनों में अब्दुल्ला आजम की जन्मतिथि में अंतर है।
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अब्दुल्ला आजम खां पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र का फायदा उठाकर विधानसभा चुनाव लड़ने का आरोप है। हाई कोर्ट ने इनका चुनाव निरस्त कर दिया है। अब्दुल्ला आजम खां का कहना था कि जन्म प्रमाणपत्र बनवाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है, इसलिए जमानत पर रिहा किया जाए, वहीं तंजीन फातिमा का कहना था कि महिला होने के कारण जमानत मंजूर की जाए। इसलिए दोनों को तत्काल और आजम खां को शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने के बाद रिहा करने का आदेश दिया गया है। हालांकि इन दोनों मामलों में जमानत मिलने के बाद भी सपा सांसद मोहम्मद आजम खां, उनकी पत्नी व बेटे को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा। क्योंकि उनके खिलाफ दर्ज चार अन्य मुकदमों में अभी उन्हें जमानत नहीं मिली है।
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मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट में चल रही है। ये दोनों मामले अब्दुल्ला आजम के पैनकार्ड और पासपोर्ट से जुड़े हैं। दो अन्य मामले रामपुर जिला न्यायालय में विचाराधीन हैं। ये मामले शत्रु सम्पत्ति से जुड़े हैं। चारों मामलों में जमानत मिलने के बाद ही उनकी रिहाई संभव हो सकेगी। आजम खां के अधिवक्ता सफदर अली काजमी ने बताया कि आजम खां के खिलाफ कुल 90 मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें अब तक 86 मामलों में उन्हें जमानत मिल चुकी है। चार ऐसे मामले हैं जिनमें अभी जमानत नहीं मिल सकी है।