आरयू ब्यूरो, लखनऊ। अयोध्या में दिसंबर 1992 में हुए बाबरी विध्वंस के मामले में फैसला आने वाला है। विशेष सीबीआइ अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी है और 27 साल के बाद 30 सितंबर को इस मामले में सीबीआइ की विशेष अदालत का फैसला आएगा। वहीं फैसले के दिन कोर्ट ने मामले के सभी अभियुक्तों को कोर्ट में उपस्थित रहने का आदेश दिया है।
बाहरी विध्वंस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी, पूर्व भाजपा अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, वरिष्ठ भाजपा नेता उमा भारती, विनय कटियार तथा कई और नेता आरोपित हैं। मामले में सीबीआइ ने 49 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट फाइल की थी, जिसमें से 17 की मौत हो चुकी है।
जिन लोगों की मौत हो चुकी है उनमें शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे, विश्व हिंदु परिषद के पूर्व अध्यक्ष अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णुहरी डालमिया शामिल हैं। अन्य अभियुक्तों में श्रीराम जर्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महंत नृत्य गोपाल दास, चंपत राय, राम विलास वेदांती तथा अन्य में साध्वी ऋतंभरा और साक्षी महाराज शामिल हैं।
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वहीं पूरी सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष बचाव पक्ष की ओर से वरिष्ठ वकील मृदुल राकेश व्यक्तिगत रूप से अदालत में उपस्थित होकर अपनी मौखिक बहस पूरी की, जबकि वरिष्ठ वकील आइबी सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपने मुवक्किल आरएन श्रीवास्तव की ओर से मौखिक बहस की।
उधर, दिल्ली से वकील महिपाल अहलूवालिया ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी व मुरली मनोहर जोशी की तरफ से मौखिक बहस की। अदालत में बचाव पक्ष की ओर से वकील विमल कुमार श्रीवास्तव, अभिषेक रंजन व केके मिश्रा भी उपस्थित थे। दूसरी ओर सीबीआइ की ओर से वकील पी चक्रवर्ती, ललित कुमार सिंह व आरके यादव ने मौखिक बहस की।