पार्क में पोस्टिंग के बावजूद प्रापर्टी के आवंटी से वसूली कर रहा था एलडीए का बाबू, वीसी ने किया निलंबित

एलडीए कर्मी निलंबित

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। संपत्ति से हटाकर जॉगर्स पार्क पोस्टिंग किए जाने के बावजूद लखनऊ विकास प्राधिकरण के बाबू ने प्रापर्टी के ही आवंटी से वसूली कर डाली है। वसूली के बाद भी नामांतरण नहीं कराने पर मामला खुला तो एलडीए वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने मामले की प्रारंभिक जांच कराते हुए आज बाबू को निलंबित कर दिया है। निलंबित किए गए बाबू अरविंद कश्‍यप को पूर्व में भी आवंटियों की फाइलों से जरूरी कागज गायब करने के मामले में प्रापर्टी से हटाकर खुद उपाध्‍यक्ष ने जॉगर्स पार्क में पोस्टिंग कराई थी। बाबू के निलंबन के बाद हाल ही प्रवर्तन से उद्यान भेजे गए वसूली में लिप्‍त कर्मियों में भी हड़कंप मच गया है।

निलंबन के साथ विभागीय जांच शुरू

वहीं अरविंद कश्‍यप के एलडीए की छवि पर दाग लगाने वाले लगातार कारनामें सामने आने पर वीसी ने आज उसके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू करा दी है। उपाध्‍यक्ष के आदेश के अनुसार ओएसडी प्रिया सिंह इस पूरे मामले की 15 दिनों में जांच पूरी कर रिपोर्ट वीसी को देंगी। जिसके बाद बाबू पर कोई बड़ी कार्रवाई भी इंद्रमणि त्रिपाठी कर सकते हैं।

एलडीए अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने बताया कि जानकीपुरम के आवंटी चेतन सक्सेना ने जनता अदालत में लिपिक अरविंद कश्यप के खिलाफ शिकायत की थी। चेतन सक्सेना ने बताया था कि अरविंद ने जानकीपुरम योजना के सेक्टर जी स्थित उनके एलआइजी भवन का नामांतरण कराने के नाम पर उनसे ऑनलाइन म्यूटेशन फीस जमा कराने के साथ ही पूरा काम कराने के एवज में अलग से 20 हजार रूपये की मांग की थी। बतौर पेशगी उसने दस हजार रूपये वसूल भी लिए थे, लेकिन अरविंद उनका काम करवाने की जगह दौड़ा रहा था।

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अपर सचिव ने बताया की शिकायत की जांच में पता चला कि वसूली के समय अरविंद कश्‍यप की पोस्टिंग भी जानकीपुरम में नहीं थी। इसके बावजूद उसने चेतन सक्सेना को अनर्गल रूप से उनका काम कराने का झांसा देकर धन उगाही की।इसके अलावा जनता अदालत/प्राधिकरण दिवस समेत अन्‍य फोरम में आवंटियों से यह भी शिकायत मिल रही थी कि अरविंद प्रापर्टी की फाइलों से महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब कर देते हैं। जिससे आवंटियों का कार्य प्रभावित हो रहा था और प्राधिकरण की छवि धूमिल हो रही थी। उक्त शिकायतों पर उपाध्‍यक्ष ने ओएसडी देवांश त्रिवेदी को मामले की प्रारंभिक जांच सौपीं थी। जिसमें दोषी मिलने पर वीसी ने कनिष्ठ लिपिक अरविंद कश्यप को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विधि परामर्शी कार्यालय से संबंध कर दिया है।

अरविंद के प्रेम में छिना था अफसर का काम!

अरविंद कश्‍यप की लगातार शिकायत मिलने पर कुछ महीना पहले ही उपाध्‍यक्ष ने उसे अलीगंज के काम से हटाकर जॉगर्स पार्क में तैनात करा दी थी। वहीं इस बीच एक अफसर ने उसे फिर से संपत्ति का काम दे दिया था, जिसका पता चलते ही वीसी ने अरविंद के साथ ही दागी बाबू पर कृपा बरसाने वाले अफसर से भी प्रापर्टी का काम छीन लिया था।

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पार्कों में तैनाती, मतलब वसूली-मनमानी की भरपूर गुंजाईश!

दूसरी ओर जानकारों की माने तो एलडीए के पार्क में बाबू, सुपरवाइजर, चौकीदार व मेट की पोस्टिंग के पीछे बड़ा खेल होता है। उद्यान के अफसरों की लापरवाही के चलते यहां तैनाती के दौरान भ्रष्‍ट कर्मियों को वसूली व मनमानी करने पूरा समय मिल जाता है। पूर्व में भी पार्क में तैनात एक कर्मी ने नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से 14 लाख की ठगी की थी। कहा यह भी जाता है कि कुछ समय पहले प्रवर्तन से हटाकर पार्कों में भेज गए कई चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी भी सुबह हाजिरी लगाने के बाद अवैध निर्माण की ठेकेदारी के लिए चर्चित जोनल अफसर व अवर अभियंताओं के इशारों पर शहरभर में वसूली में लग जाते हैं।

गोपनीय जांच या छापेमारी जन व प्राधिकरण हित में जरूरी

वहीं खासकर एलडीए के लालबाग कार्यालय में प्रवर्तन के कुछ मनबढ़ अवर अभियंता तो वीसी के हटाने के बाद भी प्रवर्तन के पूर्व सुपरवाइजरों को अर्निंग हैंड की तरह खुलेआम इस्‍तेमाल करते हुए भी देखे जा सकते है। अंदेशा है कि इस तरह के अवर अभियंताओं व सुपरवाइजरों को अवैध निर्माण पर कार्रवाई की जगह उससे काली कमाई करने में रूचि रखने वाले जोनल अफसर का भी भरपूर संरक्षण रहता है। हालांकि इस खेल की कमिश्‍नर या वीसी की गोपनीय जांच या फिर छापेमारी से ही तस्‍वीर पूरी तरह साफ हो सकती है, जो जनहित व प्राधिकरण हित में बेहद जरूरी भी मानी जा रही है।

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