आरयू वेब टीम। कोरोना वायरस ने आपके काम को और अधिक मांग और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। नई चुनौतियों के बीच हमें नई रणनीतियों और समाधानों की जरूरत है। स्थानीय अनुभवों का उपयोग करना महत्वपूर्ण हो जाता है और हमें एक देश के रूप में मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
उक्त बातें आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर देश भर के 54 जिलों के साथ संवाद में कही। पीएम मोदी ने आज कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित दस राज्यों के 54 जिलों के डीएम के साथ वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में इन जिलों में कोरोना संक्रमण के ताजा हालात और उन पर नियंत्रण पर चर्चा हुई।
पीएम मोदी ने दस राज्यों-छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश के डीएम और फील्ड अधिकारियों के साथ बातचीत कर कहा कि आपके फील्डवर्क, आपके अनुभवों और फीडबैक से हमें प्रभावी नीतियां बनाने में मदद मिलती है। यहां तक कि टीकाकरण अभियान की रणनीति बनाने के लिए भी हम राज्यों और अन्य हितधारकों द्वारा दिए गए सुझावों के साथ आगे बढ़ रहे हैं।
इस दौरान मोदी ने कहा कि जीवन बचाने के साथ ही हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है। गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी आवश्यक सप्लाई हो, कालाबाजारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने के लिए भी जरूरी हैं, और आगे बढ़ने के लिए भी आवश्यक है।
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वहीं दूसरी लहर के बीच वायरस म्यूटेशन की वजह से अब युवाओं और बच्चों के लिए ज्यादा चिंता जताई जा रही है। आपने जिस तरह से फील्ड पर काम किया है इसने इस चिंता को गंभीर होने से रोकने में मदद तो की है, लेकिन हमें आगे के लिए तैयार रहना ही होगा।
इस दौरान मोदी ने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय 15 दिनों के लिए राज्यों को टीके के संबंध में जानकारी प्रदान कर रहा है। वैक्सीन की आपूर्ति से आपको टीकाकरण की समय-सीमा को प्रबंधित करने में मदद मिलेगी। वैक्सीन की बर्बादी का मुद्दा है। एक खुराक भी बर्बाद करने का मतलब है जीवन को ढाल न दे पाना। वैक्सीन की बर्बादी रोकना जरूरी है।
ममता बनर्जी ने भी लिया बैठक में हिस्सा
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी आज पीएम मोदी द्वारा बुलाई गई बैठक में शामिल हुईं। इस बैठक में मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव के साथ पश्चिम बंगाल के नौ जिलों के डीएम भी वर्चुअली मीटिंग में शामिल हुए।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक थिंक टैंक ने सुझाव दिया है कि हर जिले में कोरोना कमांड सेंटर स्थापित किया जाना चाहिए जो जरूरी बुनियादी ढांचे और मानव संसाधन से सुसज्जित हो। ताकि गांवों और उसके बीच सूचनाओं का दोनों ओर से आदान-प्रदान हो सके।
द टेक्नोलाजी इंफोरमेशन फोरकास्टिंग एंड असेसमेंट काउंसिल के सुझाव के मुताबिक, इसकी मदद से उपलब्ध संसाधनों और आंकड़ों का अन्य वैज्ञानिक उद्देश्यों के लिए अधिकतम इस्तेमाल हो सकेगा। काउंसिल के मुताबिक, सभी जिलों के कोरोना कमांड सेंटर राज्य के कोरोना कमांड सेंटर से जुड़े होने चाहिए जो पूरे राज्य का सूचना भंडार केंद्र होगा। इसी तरह सभी राज्य कोरोना कमांड केंद्र केंद्रीय कोरोना कमांड केंद्र से जुड़े होने चाहिए।