लाल किले से PM ने सेना के लिए किया बड़ा ऐलान, धारा 370, आतंकवाद, जनसंख्‍या व इकोनॉमी को लेकर भी कहीं ये बातें

73वें स्वतंत्रता दिवस

आरयू वेब टीम। 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज देश भर में आजादी का जश्‍न मनाया जा रहा है। इस मौके पर गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इससे पहले पीएम ने राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की।

आजादी के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम समस्याओं को न टालते हैं और न ही पालते हैं। अब न टालने का समय है और न ही पालने का समय है। सरकार बनने के 70 दिनों भीतर संसद के दोनों सदनों ने अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाने का निर्णय का अनुमोदन किया।

साथ ही पीएम ने कहा कि देशवासियों ने जो काम दिया, हम उसे पूरा कर रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन को लेकर हर सरकार ने कुछ न कुछ प्रयास किया, लेकिन इच्छा के अनुरूप परिणाम नहीं मिले हैं।

मोदी ने इस मुद्दे पर ये भी बोले कि ‘जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सपनों को पंख लगें, यह हम सबकी जिम्मेदारी है। विरोधियों को निशाने पर लेते हुए पीएम ने कहा कि जो लोग अनुच्छेद 370 की वकालत कर रहे हैं उनसे देश पूछ रहा है कि अगर यह इतना महत्वपूर्ण था तो इसे आप लोगों ने स्थायी क्यों नहीं किया, अस्थायी क्यों बनाए रखा?’’

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इस दौरान भारतीय सेना के संबंध में एक बड़ा ऐलान करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे सुरक्षाबलों, एजेंसियों, वर्दी में खड़े हर किसी ने अपना जीवन खपाया है। समय रहते इसमें रिफॉर्म की भी जरूरत है।  हमारी तीनों सेनाओं के बीच सामंजस्य है, इस पर हमें गर्व है, लेकिन आज जैसे दुनिया बदल रही है, युद्ध के दायरे बदल रहे हैं, टेक्नोलॉजी बदल रही है, भारत को टुकड़ों में नहीं सोचना होगा। तीनों एक साथ एक ऊंचाई पर आगे बढ़ें। हमने निर्णय किया है कि हम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ पद का गठन करेंगे। इसके जरिए तीनों सेनाओं के ऊपर एक स्थायी नेतृत्व मिलेगा।

वहीं पाकिस्‍तान को निशाने पर लेते हुए पीएम बोले कि आतंकवाद को पनाह देने वाले, एक्सपोर्ट करने वाले ताकतों को दुनिया के सामने प्रस्तुत करना, इसमें भारत अपनी भूमिका अदा करे। कई लोगों ने हमारे पड़ोस के देशों को भी आतंकवाद ने पीड़ित कर रखा है। बांग्लादेश, अफगानिस्तान और श्रीलंका भी आतंकवाद से पीड़ित है।

मोदी ने देश की जनसंख्‍या पर भी इस दौरान चिंता व्‍यक्‍त की। उन्‍होंने कहा कि हमारे देश में एक जागरुक वर्ग है, जो इस बात को भली-भांति समझता है। वह शिशु को जन्म देने से पहले सोचता है कि इसके लिए जो भूमिका है वह मैं अदा कर पाऊंगा या नहीं। इसका लेखा-जोखा करने के बाद एक वर्ग अपने परिवार को सीमित करके देश का भला करने में बड़ा योगदान देता है। छोटा परिवार रखकर वह देशभक्ति की ही अभिव्यक्ति करते हैं। हम सोचें कि जो शिशु हमारे घर आएगा, क्या उसे समाज पर छोड़ देंगे? उसके नसीब पर छोड़ देंगे? जिन लोगों ने ऐसा किया है, उनके सम्मान की आवश्यकता है। सरकारों को भी इसके लिए आगे आना होगा। हम अस्वस्थ, अशिक्षित समाज नहीं सोच सकते। सपनों को पूरा करने का सामर्थ्य व्यक्ति और परिवार से शुरू होता है।

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हर सरकार ने अपने तरीके से प्रयास किए हैं। आज करीब आधे घर ऐसे हैं, जहां पीने का पानी उपलब्ध नहीं है। माताओं-बहनों को मटके लेकर दो-दो, तीन-तीन किलोमीटर जाना पड़ता है। हर घर को जल कैसे मिले, पीने का शुद्ध पानी कैसे मिले हम आने वाले दिनों में ‘जल जीवन मिशन’ को लेकर आगे बढ़ेंगे। हर घर जल के लिए हमने जल शक्ति मंत्रालय बनाया। राज्य और केंद्र मिलकर इसे करेंगे। साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च होंगे।

मुश्किल काम नहीं करेंगे तो देश कैसे बढ़ेगा आगे

पांच ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी का सपना हमने संजोया है। यह कईयों को मुश्किल लगता है, लेकिन अगर मुश्किल काम नहीं करेंगे तो देश आगे कैसे बढ़ेगा। हमें हमेशा ऊंचे लक्ष्य रखने चाहिए, लेकिन हमारे लक्ष्य हवा में नहीं हैं। पांच साल में हमने दो ट्रिलियन डॉलर को तीन ट्रिलियन डॉलर में बदल दिया। 75 साल जब हम पूरे करें तो हर गांव में बिजली हो, ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी हो।

इस दौरान पीएम तीन तलाक कानून का जिक्र करते हुए बोले कि  मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए तीन तलाक के खिलाफ कानून बनाया गया और आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ने के लिए आतंकवाद विरोधी कानून में संशोधन किया गया।

दीमक की तरह हमारे जीवन में घुस गया भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद

मोदी ने एक अन्‍य समस्‍या पर बोलते हुए कहा कि भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद दीमक की तरह हमारे जीवन में घुस गया है। इसके लिए हम प्रयास कर रहे हैं। सफलता भी मिली है, लेकिन ये बीमारी इतनी फैली हुई है कि हमें प्रयास करते रहना पड़ेगा। टेक्नोलॉजी के जरिए हमने इसे खत्म करने की कोशिश की है। ईमानदारी, पारदर्शिता पर बल दिया गया है। सरकार आते ही अच्छे पदों पर बैठे लोगों की छुट्टी कर दी गई। व्यवस्थाओं में बदलाव होना चाहिए, लेकिन साथ ही समाज और जीवन में भी बदलाव होना चाहिए। आम लोगों के जीवन से सरकारों का दखल कम होना चाहिए। हमने कई गैर जरूरी कानूनों को खत्म किया है। हमने 1450 कानून खत्म किए हैं। दस हफ्तों में 60 कानूनों को खत्म किया है। हम ईज ऑफ लिविंग पर बल देना चाहते हैं। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में हम प्रगति कर रहे हैं।