बोलीं मायावती, “गरीबी, बेरोजगारी व हिंसा पर प्रधानमंत्री की खामोशी साबित करती है जनता के जीवन में बदलाव की आशा बेहद कम

गोरखपुर में दलित हत्या
बसपा सुप्रीमो मायावती। (फाइल फोटो)

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। 73वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लाल किले से देश की जनता को संबोधित किए जाने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी प्रतिक्रिया व्‍यक्‍त की है। मायावती ने देश के ज्‍वलंत मुद्दों की बात करते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा है कि प्रधानमंत्री ने गरीब, बेरोजगारी, हिंसा जैसे गंभीर पर आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया, साथ ही हमेशा की तरह आज भी वो इन मुद्दों पर चुप ही रहें।

यूपी की पूर्व सीएम ने अपने एक बयान में मोदी के भाषण का जिक्र करते हुए मीडिया से कहा है कि देश भर में छाई खासकर व्यापक गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी व अशिक्षा के साथ-साथ हिंसा, तनाव व जातिवादी द्वेष आदि के मामले में प्रधानमंत्री मोदी का हमेशा की तरह मौन रहना ये साबित करता है कि देश की आम जनता के जीवन में बेहतर बदलाव की आशा बेहद कम है।

कागजों में ही सिमटे रहते हैं भाजपा सरकार के दावे

मोदी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा सरकार की घोषणाएं व व दावे अधिकांश कागजों में ही सिमटे रहते है, इनको जमीन पर अमल होता हुआ कहीं नजर नहीं आता है, इस हाल में देश का भला कैसे हो सकता है? देश की अधिकांश जनता रोटी-रोजी के लिए परेशान है।

भयमुक्‍त वातावरण के लिए कुछ बोलते तो होती अच्छी बात

लगातार सामने आ रहीं मॉब लिंचिंग व हिंसा की घटनाओं की ओर इशारा करते हुए मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री देश में भयमुक्‍त वातावरण बनाने के लिए कुछ बोलते तो यह अच्छी बात होती। साथ ही, दबे, कुचले समाज के लोगों के हित व कल्याण पर देश को आश्‍वस्त किया जाता तो यह भी बेहतर होता, लेकिन ऐसा उन्‍होंने आज भी नहीं किया।

जम्मू-कश्मीर के लोगों को अहसास होना चाहिए कि…

इस दौरान मायावती ने धारा 370 और कश्‍मीर के मुद्दे पर भी अपनी राय रखने से नहीं चूंकीं, उन्‍होंने कहा कि जहां तक जम्मू-कश्मीर की बात है, तो वहां के लोगों को इस बात का अहसास होना चाहिए कि सरकार उनके हित व भलाई के लिए काम कर रही है, जैसा कि दावा किया जा रहा है।

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देश की आर्थिक स्थिति को लेकर हर तरफ चिंता की लहर

बसपा अध्‍यक्ष ने कहा कि इन सबके अलावा देश की आर्थिक स्थिति को लेकर हर तरफ चिंता की लहर है। मंदी के आसार मण्डरा रहे है। ऐसे में सरकार को काफी ठोस उपायों पर काम करने की सख्‍त जरुरत है। हालांकि यह भी एक कड़वा सत्य है कि देश ने जो प्रगति के दावे अब तक किए हैं, उससे देश के गरीबों, मजदूरों व अन्य तमाम मेहनतकश लोगों का जीवन स्तर सुधर नहीं पाया है, जो अति दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण है।

जनहिताय का होना चाहिए नया विकल्प 

साथ ही मायावती ने मोदी सरकार को राय देते हुए आज मीडिया के माध्‍यम से कहा कि एक देश, एक चुनाव’’ के मामले में भी मोदी सरकार को विश्‍वसनीय व ठोस उपाय का विकल्प लेकर देश की जनता के सामने आना चाहिए। नया विकल्प हमेशा बेहतर व जनहिताय का होना चाहिए।

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