आरयू वेब टीम। गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को बंगाल में पहली वर्चुअल रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना काल में जनसंवाद का रास्ता ढूंढा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोलते हुए शाह ने कहा कि “बीजेपी बंगाल को सोनार बांग्ला बनाना चाहती है, संस्कारी बंगाल बनाना चाहती है। जबकि बंगाल की जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन है। छह साल में गरीबों के बैंक अकाउंट खोले हैं।”
शाह ने कहा कि बंगाल देश का नेतृत्व करता था। कहा जाता था कि आज जो बंगाल सोचता है देश 50 साल बाद सोचता है, लेकिन आज बंगाल को क्या हो गया? जिस बंगाल को सोनार बांग्ला कहते थे, जहां रविंद्र संगीत सुनाई देती थी वह बम के धमाकों से दहल कर रह गया है, गोलियों की आवाज, गोलियों और हत्याओं की चीखों से सुन्न रह गया है। कौमी दंगों से इसकी आत्मा को बहतु बड़ी क्षति पहुंची। सर्वधर्म संभाव के लिए बंगाल का उदाहरण दिया जाता था आज तुष्टीकरण की ओच्छि राजनीतिक करके किसी एक समुदाय को ही प्राथमिकता दी जा रही है। पहले कम्युनिस्ट पार्टी और अब टीएमसी ने बंगाल को गरीबी में धकेला है।
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इस दौरान मुख्यमंत्री पर निशान साधते हुए अमित शाह ने कहा, ममता बनर्जी ने राज्य के गरीबों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं लेने दिया है। केजरीवाल ने आयुष्मान योजना को स्वीकार किया, लेकिन ममता सरकार ने नहीं। उन्हें डर है कि इससे मोदी जी की लोकप्रियता बढ़ जाएगी। गृहमंत्री ने कहा कि चुनाव बाद जब भाजपा के मुख्यमंत्री शपथ लेंगे तो उसके एक मिनट बाद यहां आयुष्मान भारत योजना लागू हो जाएगी।
बम धमाकों की संख्या न बता देना
सीएम ममता पर हमला जारी रखते हुए शाह ने कहा, “‘ममता दी आप हमारा हिसाब मांगती हो, मैं तो हिसाब लेकर आया हूं, लेकिन आप भी कल प्रेस कांफ्रेंस करके अपनी सरकार के दस साल का हिसाब दे दीजिए। ध्यान से हिसाब देना, बम धमाकों की संख्या ना बता देना, बंद फैक्ट्रियों की संख्या ना बता दीजिएगा, भाजपा के मार दिए गए कार्यकर्ताओं का हिसाब ना बता दीजिएगा। हिसाब आना है तो विकास का लेकर आइए ममता दीदी।
मैंने इतना गुस्सा कभी को नहीं देखा
इतना ही नहीं अमित शाह ने संशोधित नागरिकता कानून का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने करोड़ों शरणार्थियों को सम्मान देना का वादा पूरा किया। ममता जी का चेहरा मैंने उस दिन देखा था, गुस्से से चेहरा लाल हो गया था। नाम लेने, बोलने की तमीज नहीं रह गई थी। मैंने इतना गुस्सा कभी को नहीं देखा था। मैं ममता दीदी को पूछना चाहता हूं कि बांग्लादेश से आए बंगाली भाइयों ने आपका क्या बिगाड़ा है। यह बंगाल की जनता जानना चाहती है। उन्हें बताना चाहिए कि वह किन वजहों से विरोध कर रही है। मैं ममता जी जी कहना चाहता हूं कि जब मत पेटियां खुलेंगी तो बंगाल की जनता आपको राजनीतिक शरणार्थी बनाने वाली है। सीएए का विरोध आपको बहुत महंगा पड़ेगा।
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‘अब हमें कैसे रोकेंगी ममता’
गृह मंत्री ने कहा भ्रष्टाचार, टोलबाजी, राजनीतिक हिंसा, सत्ता, स्वार्थ, सिंडिकेट और संपत्ति के आधार पर कम्युनिस्टों को भी पीछे छोड़ दिया है। क्या राजनीतिक परिवर्तन हिंसा बंगाल का आभूषण बन सकती है क्या? राजनीतिक परिवर्तन का माध्यम हिंसा हो सकती है क्या। किसी की रैली ना होने देना। ममता दीदी अब आप क्या करोगी? हम तो वर्चुअल रैली कर रहे हैं। रोड रोक देना, हेलीकॉप्टर रोक देना, ममता जी आप परिवर्तन को नहीं रोक सकती हैं। मैं बंगाल की जनता से पूछना चाहता हूं कि भाजपा के सौ कार्यकर्ताओं पर हमले हुए, जानें गईं, पत्रकारों को निकलवा दिया जाता है, यह लोकतंत्र है क्या?
कीचड़ जितना फैलाओगी, भाजपा का कमल इतना ही होगा पवित्र
अमित शाह ने कहा- ममता दीदी हिंसा का कीचड़ जितना फैलाओगी, भाजपा का कमल इतना ही पवित्र होगा। हम हिंसा से डरने वाले लोग नहीं हैं। बलिदान का मेरी पार्टी का इतिहास है। मेरी पार्टी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगाल के सपूत श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर में बलिदान देकर यह संस्कार हमें दिया है। आप हमें बंगाल की जनता से संवाद करने से रोक नहीं सकती हो। अमित शाह ने कहा- यहां इतना भ्रष्टाचार है कि गिनाते गिनाते थक जाऊंगा। यदि अम्फान तूफान और कोरोना में भी भ्रष्टाचार करती हो तो जनता आपको माफ नहीं करने वाली है।