आरयू इंटरनेशनल डेस्क। गुजरात दंगों को लेकर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री को मोदी सरकार ने भारत में प्रतिबंधित कर दिया है। जिसके बाद दुनियाभर में इसे मीडिया की आवाज को दबाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। वहीं अब अमेरिका ने भी इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए तंज कसते हुए कहा कि हम प्रेस की स्वतंत्रता का समर्थन करते हैं। साथ ही अमेरिकी विदेश विभाग ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बनी बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर भारत द्वारा प्रतिबंध लगाने को प्रेस की स्वतंत्रता का मामला बताया है।
अमेरिका ने कहा है, कि यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों के महत्व को पूरी दुनिया में हाइलाइट करने का सही समय है और ऐसा भारत में भी लागू होता है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने डेली प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि हम दुनिया में स्वतंत्र प्रेस का समर्थन करते हैं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता व लोकतांत्रिक सिद्धांतों के महत्व को समझते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों के महत्व को मानव अधिकारों के रूप में उजागर करना जारी रखते हैं जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने में योगदान करते हैं। यह एक बिंदु है जिसे हम दुनिया भर में अपने रिश्तों में बनाते हैं। यह निश्चित रूप से एक बिंदु है जिसे हमने भारत में भी बनाया है।
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इससे पहले सोमवार को एक प्रेस ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए प्राइस ने कहा कि ऐसे कई तत्व हैं जो भारत के साथ अमेरिका की वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करते हैं जिसमें राजनीतिक, आर्थिक और असाधारण रूप से गहरे लोगों से लोगों के संबंध शामिल हैं। उन्होंने उस दिन मीडिया से कहा था कि आप जिस डॉक्यूमेंट्री का जिक्र कर रहे हैं, मैं उससे परिचित नहीं हूं।