आरयू वेब टीम। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि नए भारत में ‘सरनेम’ नहीं, युवाओं की ‘क्षमता’ महत्वपूर्ण है। नया भारत कुछ लोगों की नहीं, बल्कि हर नागरिक की आवाज है। यह वह भारत है जहां भ्रष्टाचार एक विकल्प नहीं है चाहे कोई भी शख्स क्यों न हो। योग्यता ही आदर्श है।’
प्रधानमंत्री ने कहा कि लाइसेंस राज और परमिट राज की आर्थिक व्यवस्था लोगों की आकांक्षाओं में रूकावट का काम करती है, लेकिन आज चीजें बेहतर के लिये बदल रही हैं। हम विविधतापूर्ण स्टार्टअप इकोसिस्टम में न्यू इंडिया की भावना को देख रहे हैं।
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उन्होंने आगे कहा कि वर्षों तक ऐसी संस्कृति को आगे बढ़ाया गया जहां आकांक्षा एक बुरा शब्द बन गया। सरनेम और संपर्क के आधार पर दरवाजे खुलते थे। उन्होंने कहा कि आपकी सफलता इस बात पर निर्भर करती थी कि आप बड़े शहर, बड़े संस्थान और बड़े परिवार… ये सभी मायने रखते थे, लेकिन आज स्थिति बदली है, हमारे युवा उद्यमिता की भावना का प्रदर्शन कर रहे हैं और शानदार मंच सृजित कर रहे हैं।
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हम यह भाव खेल के क्षेत्र में भी देख रहे हैं। भारत आज उन क्षेत्रों में भी आगे बढ़ रहा है जहां हम पहले मुश्किल से नजर आते थे। चाहे स्टार्टअप हो, खेल हो। उन्होंने कहा कि छोटे शहरों और गांव के युवा जो स्थापित परिवारों से नहीं आते, जिनके पास बड़ा बैंक बैलेंस नहीं है, लेकिन उनके पास समर्पण और आकांक्षा है…वे अपनी आकांक्षाओं को उत्कृष्टता में बदल रहे हैं और भारत को गौरवान्वित कर रहे हैं। यह नये भारत की भावना है।
पीएम मोदी ने कहा कि अब आम लोग रेलवे स्टेशनों पर वाई-फाई सुविधाओं का उपयोग करने लगे हैं। ‘‘क्या कभी किसी ने सोचा था कि यह संभव हो पाएगा ? सिस्टम भी वही है और लोग भी वही हैं। अंतर आया है तो केवल काम करने के तरीके में।