आरयू वेब टीम। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कोलकाता में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सोमवार को भारतीय जनता पार्टी पर हमला बोला है। भाजपा पर बंगालियों के खिलाफ ‘भाषायी आतंकवाद’ फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि पहचान और भाषा की लड़ाई तब तक जारी रहेगी, जब तक राज्य और केंद्र दोनों जगह भाजपा को पराजित नहीं कर दिया जाता।
ममता बनर्जी ने कहा कि यदि भाषाई भेदभाव बंद नहीं हुआ, तो प्रतिरोध आंदोलन दिल्ली तक पहुंच जाएगा। कोलकाता में तृणमूल कांग्रस की शहीद दिवस रैली को संबोधित करते हुए बनर्जी ने 2026 के चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को हराने और अंततः भाजपा को केंद्र की सत्ता से बाहर करने का आह्वान किया।
साथ ही तीखे शब्दों में भाषाई असहिष्णुता के खिलाफ आवाज उठाते हुए सवाल किया कि क्या बंगाली भाषा में बात करना गुनाह है? क्यों रोका जाता है? क्यों टोका जाता है? साथ ही अपने भाषण में कहा कि अगर बिहार की तरह बंगाल में भी बंगाली भाषा को दबाने की कोशिश हुई तो तृणमूल कांग्रेस उसका पुरजोर विरोध करेगी। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “हम घेराव करेंगे, हम वोट नहीं कटने देंगे।” उन्होंने बंगाल की सांस्कृतिक विरासत का भी उल्लेख किया।
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आगे कहा कि बंगाल की सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख करते हुए कहा, “बंगाल की धरती ने रवींद्रनाथ टैगोर को जन्म दिया। यहीं से ‘जन गण मन’ और ‘वंदे मातरम’ जैसे राष्ट्रगीत निकले।” उन्होंने ये भी कहा कि वे हिंदी गुजराती, मराठी और सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान करती हैं, लेकिन यह स्वीकार्य नहीं कि बंगाली भाषा से नफरत की जाए या इसे बोलने से रोका जाए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने स्वतंत्रता संग्राम में बंगाल की भूमिका को याद दिलाते हुए कहा, “आजादी की लड़ाई में बंगाली ने भाग लिया था। हमारी भाषा, हमारी पहचान है और इसे दबाने की कोई भी कोशिश बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”