आरयू ब्यूरो
लखनऊ। डा. भीमराव अम्बेडकर की जालौन (उरई) के काशी खेड़ा गांव में प्रतिमा का अनादर करने के विरूद्ध आक्रोशित जनता पर पुलिस के लाठीचार्ज करने और उन्हें जेल भेजे जाने की आज बसपा सुप्रीमो ने निन्दा करते हुए सवाल उठाया कि योगी सरकार के इस रवैये को जातिवादी, राजनीतिक द्वेष व अन्यायपूर्ण नहीं तो और क्या कहा जाएगा।
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मायावती ने इस मामले में जेल भेजे गए लोगों की तुरंत रिहाई और लाठीचार्ज करने व कराने वाले पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है। प्रतिमा के अपमान पर मायावती ने अपने बयान में कहा कि इस प्रकार के संवेदनशील व संगीन अपराध करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं किया जाना इस मामले में सरकार की संलिप्तता को दर्शाता है, जबकि असमाजिक व आपराधिक तत्वों द्वारा ऐसी घटना के कारण ही सहारनपुर का जातीय संघर्ष हुआ था, लेकिन ऐसा लगता है कि योगी सरकार को इसकी काई खास चिंता नहीं है।
दूसरी ओर बीएचयू बवाल पर मायावती ने कहा बीजेपी सरकार के उपेक्षित रवैये के कारण बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय हिंसा, आगजनी व उपद्रव का शिकार हो रहा है। वहीं उन्होंने बीएचयू के कुलपति पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मामले में कुलपति का रवैया छात्र-छात्रा हितैषी नहीं होकर काफी अड़ियल व तानाशाही पूर्ण है।
छात्राएं छेड़खानी पर विरोध कर रही थी, परन्तु कुलपति के भड़काऊ रवैये के कारण छात्रों का आंदोलन तेज हुआ और वे पुलिस की लाठी और मुकदमों का शिकाए हुए। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि बसपा कुलपति के छात्र-विरोधी रवैये व छात्रों पर पुलिस लाठीचार्ज दोनों की ही तीव्र निंदा करती है तथा सरकार से मांग करती है कि छात्रों के साथ न्याय सुनिश्चित करे व साथ ही उनकी सुरक्षा का समुचित प्रबंध करे।