आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। लोकसभा चुनाव में टिकट कटने से नाराज बीजेपी के हरदोई सांसद अंशुल वर्मा ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया, साथ ही उन्होंने लखनऊ स्थित भाजपा के प्रदेश मुख्यालय जाकर वहां तैनात चौकीदार को अपना त्यागपत्र सौंपा। इसके तुरंत बाद ही अंशुल वर्मा समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए।
उन्होंने लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के समक्ष सपा की सदस्यता ली। इस दौरान सपा नेता आजम खां भी उपस्थित थे। अंशुल के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में आए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे भाजपा के लिए झटका बताया है।
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मीडिया से बात करते हुए सांसद ने कहा कि आज भारतीय जनता पार्टी में कोई जिम्मेदार पदाधिकारी मिलने को तैयार नहीं है। अपना स्पष्टीकरण देने को तैयार नहीं है। उनका दोष था कि उन्होंने अपने समाज के लिए सिर उठाया। यदि ऐसा है तो ये कट तो सकता है झुक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि आज का सबसे जिम्मेदार चौकीदार ही है। इसलिए सोचा कि जो नामी चौकीदार हैं उनके बजाय असली चौकीदार को क्यों न इस्तीफा दिया जाए। धन कुबेर चौकीदारों को इस्तीफा देने का कोई मायने नहीं था।
मुख्यमंत्री का भी होना चाहिए लाइसेंस रद्द
प्रेसवार्ता में मीडिया को संबोधित करते हुए सपा सुप्रीमो ने कहा कि भाजपा को सिर्फ एक सीट मिलेगी। उन्होंने कहा गन्ना किसान अपना भुगतान चाहता है, लेकिन उसे नहीं दिया जा रहा है। हमें विश्वास है जनता गठबंधन को ही वोट देगी। साथ ही सपा के राष्ट्रीय महासचिव और रामपुर लोकसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी आजम खां की रायफल, पिस्टल और बंदूक के लाइसेंस निलंबित किये जाने पर अखिलेश ने कहा कि आजम खां के शस्त्रों का लाइसेंस रद हुआ है तो मुख्यमंत्री का भी लाइसेंस रद होना चाहिए।
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मालूम हो कि भाजपा ने हरदोई से अब पूर्व सांसद जय प्रकाश रावत को प्रत्याशी बनाया है। अंशुल वर्मा टिकट कटने के बाद काफी आहत हैं। सांसद ने कहा था कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद को चौकीदार बता चुके हैं तो वह भी चौकीदार हैं। अब सदन में नहीं, लेकिन जिले में डंडा लेकर विकास को लेकर चौकीदारी करूंगा। विकास में कोई समझौता नहीं होगा और उसके लिए उनका डंडा तैयार है।