भगत सिंह और लोहिया को याद कर बोले शिवपाल, भाजपा के लिए सिर्फ चुनावी नारा है राष्‍ट्रवाद

राष्‍ट्रवाद
कार्यक्रम को संबोधित करते शिवपाल सिंह यादव।

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। लोहिया व भगत सिंह के जीवन दर्शन से पता चलता है कि जो जितना बड़ा समाजवादी होता है, उतना ही देशभक्‍त व राष्ट्रवादी होता है। भारत में आजादी के बाद समाजवाद पर आधारित शोषणविहीन समतामूलक समाज की स्थापना के लिए भगत सिंह ने हिंदुस्तान समाजवादी गणतांत्रिक संघ तथा लोहिया ने सोशलिस्ट पार्टी बनाई थी।

ये बातें शनिवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुख्‍यालय पर  भगत सिंह के शहादत दिवस एवं समाजवादी चिंतक राममनोहर लोहिया की जयंती को भगत-लोहिया दिवस के रूप में मानते हुए ‘राष्ट्रवाद, समाजवाद व वर्तमान परिदृश्य’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में शिवपाल सिंह यादव ने कही।

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प्रसपा के संस्‍थापक ने आगे कहा कि समाजवाद एक प्रगतिशील दर्शन है। भगत के सपनों व लोहिया के सिद्धांतों को धरती पर उतरने के लिए प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया गया है।

वहीं सत्‍ताधारी दल को निशाने पर लेते हुए शिवपाल बोले कि भाजपा के लिए राष्‍ट्रवाद केवल चुनावी नारा है। राष्‍ट्रवाद के नाम पर भाजपा व संघ द्वारा फैलाए जा रहे झूठ व भ्रम का पर्दाफाश करना प्रगतिशील व प्रतिबद्ध समाजवादी का कर्तव्य है। जो लोग शहीदों व सेना पराक्रम का सम्मान नहीं करते, वे समाजवादी व लोहियावादी नहीं हो सकते।

समाजवाद के मधुर स्वप्न को लोहिया ने सिद्धांत का रूप देकर ढाला

इस अवसर पर शिवपाल यादव ने प्रसपा के प्रवक्‍ता दीपक मिश्र द्वारा संपादित डॉ. लोहिया के भाषणों की सीडी जारी करते हुए ये भी कहा कि भगत सिंह समाजवाद के स्वप्नदृष्टा थे। आजाद-भगत के समाजवाद के मधुर स्वप्न को लोहिया ने सिद्धांत का रूप देकर व्यवहार में ढाला।

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संगोष्ठी की अध्यक्षता वरिष्ठ लोहियावादी बाबू भगवती सिंह एवं संचालन बौद्धिक सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष दीपक मिश्र ने किया। इस मौके पर पूर्व राज्य सभा सदस्य वीरपाल यादव, प्रसपा के कर्नाटक अध्यक्ष लोकनाथन, प्रसपा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष सुंदर लाल लोधी, पूर्व मंत्री शारदा प्रताप शुक्ल, चौधरी रिक्षपाल, दीपक मिश्रा समेंत अन्‍य नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहें।