शिवपाल का सवाल, मुलायम ने मायावती को नहीं माना बहन तो अखिलेश की बुआ कैसे हुई, फिरोजबाद से चुनाव लड़ने का भी किया ऐलान

मुलायम सिंह का अपमान
मुलायम सिंह यादव के साथ शिवपाल यादव। (फाइल फोटो)।

आरयू संवाददाता, 

इटावा। सपा से अलग होकर अपनी नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी लोहिया (प्रसपा) बनाने वाले शिवपाल सिंह यादव ने आज अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उनके और मायावती के बुआ-भतीजे वाले रिश्‍ते पर भी सवाल उठाया है। शिवपाल यादव ने गणतंत्र दिवस के मौके पर धनु आंखेड़ा इंटर कॉलेज में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जब मुलायम सिंह यादव और मैंने मायावती को बहन नहीं माना तो फिर यह अखिलेश की बुआ  कैसे हो गईं।

उन्होंने कहा कि बबुआ (अखिलेश) ने अपने पिता को धोखा दिया और बुआ (मायावती) ने अपने भाइयों (भाजपा) को धोखा दिया। बसपा की मुखिया मायावती किसी की भी सगी नहीं हैं। बसपा ने सपा को झटका देकर तीन बार भाजपा के सहयोग से सरकार बनाई। मुलायम सिंह को ‘‘गुण्डा’’, सपा को गुण्डों की पार्टीं तथा उन्हें दुराचारी बताने वाले दल के साथ गठबंधन पिता और चाचा का साफ अपमान है। चाचा शिवपाल यही नहीं रुके उन्होंने कहा कि मैने अखिलेश के लिए पढ़ाई से लेकर क्या-क्या नहीं किया, लेकिन ऐसे लोगों पर कैसे भरोसा किया जाये जिसने पिता को पिता और मुझे चाचा नहीं समझा।

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वहीं आज एक बड़ा ऐलान करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि वह जनता की मांग पर लोकसभा चुनाव फिरोजाबाद से लड़ेंगे। साथ ही उन्होंने दावा किया कि चुनाव के बाद केंद्र में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के बिना कोई दल सरकार नहीं बना सकेगा। यहां बताते चलें कि फिरोजाबाद से शिवपाल यादव के चचेरे भाई और सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव लोकसभा सदस्य हैं, ऐसे में इस बार उनकी सीधी लड़ाई अपने भतीजे अक्षय से होने की उम्‍मीद है।

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मजबूरी में बनानी पड़ी प्रसपा

साल 2017 में सपा में बचे घमासान का जिक्र करते हुए शिवपाल ने कहा कि लखनऊ में लाखों लोगों के बीच कहा था कि उन्हें कुछ नहीं चाहिए, न पद, न मंत्री, केवल सम्मान चाहिए, लेकिन षड्यंत्र कर उन्हें अलग किया गया। अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें धोखा दिया गया और मजबूरी में उन्हें प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाना पडी।

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