रैली में लाखों की भीड़ जुटाकर शिवपाल ने दिखाई ताकत, मोदी-योगी सरकार पर साधा निशाना, अखिलेश को भी नहीं बख्‍शा

कार्यकारिणी
शिवपाल सिंह यादव। (फाइल फोटो।)

आरयू ब्‍यूरो, 

लखनऊ। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के संस्‍थापक शिवपाल सिंह यादव ने सूबे की राजधानी लखनऊ के रमाबाई अंबेडकर मैदान में अपनी जनाक्रोश रैली में लाखों लोगों की भीड़ जुटाकर शक्ति प्रदर्शन किया। ये भीड़ विरोधी दलों के साथ ही समाजवादी पार्टी के लिए भी एक संकेत मानी जा रही है, हालांकि आज के इस कार्यक्रम में करीब चार दर्जन से अधिक पूर्व व वर्तमान सांसद, विधायक व मंत्री के अलावा समाजवादी पार्टी के संस्‍थापक व शिवपाल यादव के बड़े भाई मुलायम सिंह यादव खुद भी मंच पर मौजूद रहें।

अपने संबोधन में शिवपाल यादव ने प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही भाजपा की केंद्र और प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोलने के साथ ही गरीब, दलित, मुस्लिम व पिछड़ों के हित की बात की। इस दौरान उन्‍होंने अपने भाई मुलायम सिंह यादव की तारीफ में जहां कसीदे पढ़ें, वहीं भतीजे अखिलेश यादव पर भी निशाना साधने से नहीं चूंकें।

शिवपाल यादव ने इस दौरान रैली को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि देश के इतिहास में शायद यह पहली बार हो रहा है, जब तमाम पिछड़ी जातियां, दलित, अल्पसंख्यक व सामाजिक न्याय में आस्था रखने वाले सर्व समाज के लोग एक साथ एक मंच पर खड़े हैं। समाज के हर व्यक्ति को रोजी-रोटी-रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है, हम सरकार से कोई खैरात नहीं मांग रहे हैं।

जनाक्रोश रैली
जनता का अभिवादन इस तरह स्वीकार करते नजर आए मुलायम व शिवपाल, अर्पणा भी दिखीं साथ।

सीना होगा 56 इंच का, लेकिन दम नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाने पर लेते हुए शिवपाल बोले कि उनका सीना 56 इंच का होगा, लेकिन कोई दम नहीं हैं। आज भारत के कुछ भू-भाग पर पाकिस्तान का तो कुछ पर चीन का कब्जा है। देश कब्जा और कर्जा से मुक्‍त होना चाहिए। भाजपा सरकार गरीब, पिछड़ो व दलित के नाम पर सत्ता में आई थी, लेकिन सरकार ने इन सभी का वोट लेकर उन्हें केवल छला है। उनके हित में कोई काम नहीं किया और यही वजह है कि आज गरीब, पिछड़ो, दलित व अल्पसंख्यक समाज का देश और प्रदेश की तमाम पार्टियों से मोहभंग हो गया है। शिवपाल ने कहा कि मोदी सरकार में भ्रष्टाचार का बोलबाला है, ललित मोदी, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे लोग देश का पैसा लूट कर फरार हो गए और सरकार कुछ नहीं कर सकी।

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भाजपा सरकार बेरोजगारों, शिक्षकों व आंगनबा‍ड़ी महिलाओं को पुलिस से पिटवा रही

हमला जारी रखते हुए शिवपाल बोले पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने हर साल दो करोड़ रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन उन्हीं के आकड़ें बताते हैं कि केवल साढ़े चार लाख लोगों को रोजगार मिला। लाखों नौजवान बीटेक और बीएड करके घर बैठे हैं मगर कहीं बहाली नहीं है। नौकरी नहीं देने वाली भाजपा सरकार बेरोजगारों, शिक्षकों व आंगनबा‍ड़ी महिलाओं को पुलिस से पिटवा रही है। इसके साथ ही बुढ़ापे का सहारा भी छीना जा रहा है। हमारी यह स्पष्ट मांग है कि पुरानी पेंशन की बहाली की जाए साथ ही 15-20 वर्षो से संविदा पर कार्य कर रहे कर्मियों का समायोजन किया जाए।

समाज के हर कमजोर के साथ हूं खड़ा

जनाक्रोश रैली में शिवपाल ने पार्टी के एजेंडे पर कहा कि हमें सबको साथ लेकर चलना है। सबको जोड़कर समाज बदलना है। मैंने जीवन भर कमजोरों, पिछड़ों, बुनकरों, व्यापारियों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों, नौजवानों व छात्रों की लड़ाई लड़ी है। यह मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि समाज के जो लोग कमजोर हैं, चाहे वो किसी समाज के हों, मैं उनके साथ खड़ा हूं।

जातिगत जनगणना के आधार पर देंगे आरक्षण

शिवपाल आगे बोले कि लोहिया जी कहते थे, ‘जिसकी जितनी भागीदारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’, लेकिन आज 1931 के जातिगत आंकड़ों के आधार पर आरक्षण दिया जा रहा है। अब ईमानदारी से जनगणना हो तो पता चल जाएगा कि दलित, पिछड़ों व अल्पसंख्यकों की संख्या देश की कुल आबादी की 85 प्रतिशत है। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी जातिगत जनगणना के आधार पर आरक्षण की पक्षधर है और यदि हमारी सरकार आई तो कानून लाकर जातिगत जनगणना व उसपर आधारित आरक्षण को लागू किया जाएगा।

नफरत फैलाने का धंधा लगा फलने-फूलने

जनसभा में युवाओं को संबोधित करते हुए शिवपाल ने कहा कि अब चुनौती बिलकुल नजदीक आ गई है। अब सीधी चुनौती स्वीकार करने का है। इस लड़ाई में सभी वर्गों का साथ आवश्यक है। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, नफरत फैलाने का धंधा फलने-फूलने लगा है। सांप्रदायिक शक्तियां एक दूसरे को लड़ाने में लग गई हैं, पूरे देश में डर का माहौल बनाया जा रहा है।

अयोध्या के बहाने देश को सांप्रदायिकता की आग में जा सकता है झोंका 

शिवपाल ने आशंका जताते हुए आगे कहा कि मुझे डर है कि अयोध्या के बहाने देश को सांप्रदायिकता की आग में झोंका जा सकता है,क्योंकि पहले भी ऐसा हो चुका है जब ऐसी ही परिस्थितियों में सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा देने के बावजूद सरकार उसका पालन नहीं कर सकी और पूरा देश दंगों की आग में जला और हजारों लोगों को जान व माल का नुकसान सहना पड़ा और देश की अर्थव्यवस्था को भारी क्षति हुई।

हर हाल में माना जाए सुप्रीम कोर्ट का आदेश

मंदिर निर्माण पर शिवपाल ने अपना मत साफ करते हुए कहा कि अयोध्या में आज स्थानीय लोगों में कोई आपसी सांप्रदायिक विवाद नहीं हुआ। ऐसे में अयोध्या शांतिपूर्ण यथास्थिति सुनिश्चित किया जाना चाहिए। किसी भी कीमत पर विवादित भूमि पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना नहीं होनी चाहिए, क्योंकि अब तक बातचीत और आपसी सहमति का कोई नतीजा नहीं निकला, ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार होना चाहिए।

बताइए भगवान की भी होती है कोई जाति ?

मुख्‍यमंत्री के हनुमान जी को दलित बताने वाले बयान पर सवाल उठा हुए प्रसपा अध्‍यक्ष बोले कि भाजपा समाज को जाति और सांप्रदायिक खांचों में बांटने के बाद भगवानों को भी जाति में बांटने का काम कर रही। बताइए भगवान की भी कहीं कोई जाति होती है ? लेकिन जनता अब इनके जाल में फंसने वाली नहीं है। समाज को बांटने वालों को अबकी बार सबक सिखाने का मन जनता ने बना लिया है।

जनाक्रोश रैली
अपने नेता को धैर्य के साथ सुनता जनसैलाब।

योगी सरकार में लगता है कि इंसानो से अधिक महत्वपूर्ण हो गया गोवंश

वहीं योगी सरकार पर हमला बोलते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि उत्‍तर प्रदेश में गुंडाराज है। पुलिस निर्दोष लोगों के एनकाउंटर में व्यस्त है। लखनऊ में पुलिस द्वारा मर्डर, बुलंदशहर की हिंसा, नोएडा में पुलिस द्वारा निर्दोष जितेंद्र यादव को गोली मार देना, यह सब दर्शाता है कि कानून-व्यवस्था का क्या हाल है। पुलिसकर्मी खुद सुरक्षित नहीं है, जबकि  तथाकथित गोरक्षाकों द्वारा आतंक फैलाया जा रहा है। लगता है कि योगी सरकार के लिए इंसानों से आधिक महत्वपूर्ण गोवंश हो गया है। हर वर्ग इनसे परेशान है, अब लगता है कि भाजपा सरकार का नारा “सबका साथ सबका विकास“ कि जगह “कुछ का विकास और बाकी का सर्वनाश” हो के रह गया है।

अवसरवादी और आधारहीन नेताओं के एवज में किया गया अपमानित

शिवपाल ने इस दौरान अखिलेश को निशाने पर लेते हुए भी कहा कि हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और मैनपुरी में अगस्त 2016 में ही मंत्री परिषद से इस्तीफे की पेशकश की। हमारी लड़ाई हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ रही है। उसके लिए हमने पद की भी चिंता नहीं की और उसके बाद जो हुआ वो आप सब जानते हैं, क्योंकि हमारी पुरानी पार्टी सपा अपने मूल सिद्धांतों से भटक चुकी थी एवं लाखों प्रतिबद्ध मेहनती समाजवादी कार्यकर्ताओं को कुछ चाटुकारों, अवसरवादी और आधारहीन नेताओं के एवज में अपमानित एवं उपेक्षित किया गया। जमीनी स्तर पर अन्याय, भ्रष्टाचार व सांप्रदायिकता के खिलाफ संघर्ष नहीं हो रहा था और सपा सोशल मीडिया पार्टी बनकर रह गई थी।

नेताजी के साथ 40 साल तक किया काम

साथ ही ये भी बोले कि हमने 40 साल तक नेताजी (मुलायम सिंह यादव) के साथ काम किया है। मैंने कभी कोई पद नहीं मांगा, सिर्फ अपना सम्मान चाहा, लेकिन जब नहीं मिला तो नेताजी की अनुमति से पार्टी बनाई। आज चुगलखोरों व चापलूसों के कारण सपा का जनाधार खत्म हो गया है।

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रैली के दौरान शिवपाल यादव के साथ मंच पर वरिष्‍ठ नेताओं में मुलायम सिंह यादव के अलावा सर्वेश कटियार, सुन्दर लाल लोधी, रघुराज शाक्य, राम सेवक यादव, सीपी राय, गोपाल कृष्ण वर्मा, बीएल मातंग, अंसार रजा,  भगवती सिंह, सुखराम यादव, शारदा प्रताप शुक्ला, सैय्यद शादाब फातिमा, अपर्णा यादव, वीरपाल यादव, कमाल यूसुफ मलिक, राम नरेश यादव, आदित्य यादव, जय प्रकाश यादव, मलिक मसूद, श्याम लाल रावत, प्रमोद गुप्ता, आशीष यादव आशू,  मानिक चंद, सुभाष यादव, नजीवा खान, अजीम भाई, विजय मिश्रा, अमनमणि त्रिपाठी, राम दर्शन यादव, शराफत यार खान, संगम लाल शुक्ला, जय सिंह यादव, कुंवर वीरेंद्र सिंह, सुखदेवी वर्मा, संध्या कठेरिया के साथ ही जनसभा में तीन से चार लाख प्रसपा समर्थक मौजूद रहें।