आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। सोमवार को पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा कुछ छात्रों को लैपटॉप बांटने और योगी सरकार को वादाखिलाफी करने वाला बताने पर भाजपा ने तगड़ा पलटवार किया है। अखिलेश के बयान के चंद घंटे बाद ही भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भाजपा सरकार के सबका साथ-सबका विकास संकल्प को साकार होता देख तथा भेदभाव रहित नीति की सफलता से घबराया विपक्ष मुद्दाविहीन होकर सेल्फ गोल करने लगा है।
प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए प्रदेश प्रवक्ता ने आगे कहा कि मुद्दाविहीन विपक्ष अपने शासन की विफलताओं व घोटालों को भी अपनी उपलब्धि बताकर जनता को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने पूर्व सीएम को नसीहत देते हुए कहा कि सपा मुखिया को ऐसे बयान नहीं देने चाहिए, जो उनके लिए ही मुसीबत बन जाए।
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वहीं आंकड़ों की बात करते हुए हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि आरटीआइ में खुलासा हो चुका है कि 2012 से 2014 तक सपा सरकार में 14,81,118 लैपटॉप कागजों में खरीदे गए। जबकि सिर्फ 6,11,794 लैपटॉप बांटे गए। सरकारी रिकार्ड में इसकी कोई जानकारी नहीं है कि बाकी 8,69,324 लैपटॉप कहां गए। इस हिसाब से सपा शासन का लैपटॉप वितरण घोटाला करीब 1173 करोड़ रुपए का निकलता है। आंकड़ों पर गौर करते हुए पूर्व सीएम को खुद ही बताना चाहिए कि लैपटॉप योजना प्रदेश के छात्रों के लिए शुरू की थी या सरकारी धन का गोलमाल करने के लिए।
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अखिलेश ये भी बताएं कि…
वहीं अखिलेश यादव के आज यूपी में एम्स से संबंधित बयानों का जवाब देते हुए प्रदेश प्रवक्ता ने मीडिया से कहा कि मोदी सरकार द्वारा रायबरेली व गोरखपुर में एम्स के निर्माण का मार्ग प्रशस्त करने की योजना पर अपनी पीठ थपथपाने वाले अखिलेश यादव को यह भी बताना चाहिए कि योगी जी के नेतृत्व में सरकार बनते ही रायबरेली एम्स की ओपीडी चालू कैसे हो गयी और गोरखपुर एम्स में अगले तीन महीनों में ओपीडी चालू किए जाने की प्रक्रिया कैसे शुरू हो पायी।
कितना भी महागठबंधन बना लें, लेकिन कहीं नहीं ठहरेगा विपक्ष
हरिश्चन्द्र श्रीवास्तव इतने पर हीं नहीं रूके उन्होंने अखिलेश यादव द्वारा अगामी लोकसभा के लिए भाजपा की ओर से चलाए जा रहे 73 प्लस मिशन पर उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए कहा कि उन्हें अपनी राजनीतिक समझ थोड़ी बढ़ानी चाहिए। विपक्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के मत प्रतिशत और उपचुनाव के मत प्रतिशत की तुलना कर ले तो पता चल जायेगा कि आम चुनाव में जब मतदाता वोट देने निकलेगा तो विपक्ष कितना भी महागठबंधन बना ले, लेकिल कहीं नहीं ठहरेगा। सरकार रहते लगभग सभी उपचुनाव जीतने वाली सपा व बसपा का लोकसभा और विधानसभा के आम चुनाव में सूपड़ा साफ हो गया था।