आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। बहराइच की सांसद सावित्री बाई फुले के पार्टी छोड़ने को लेकर गुरुवार को कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा है। कांग्रेस ने कहा कि सांसद एवं दलित नेता सावित्री बाई फुले ने भाजपा की सदस्यता से इस्तीफा देकर यह ऐलान कर दिया कि भाजपा में दलित नेताओं का कोई स्थान नहीं है वह चाहे सांसद हों या भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हो।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता मुकेश सिंह चौहान ने अपने एक बयान में मीडिया से कहा कि सांसद सावित्री बाई फुले के इस्तीफे से एक बार फिर स्पष्ट होता है कि भाजपा का दलितों से प्रेम महज एक दिखावा है। सच्चाई तो यह है कि दलितों के उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने वाली दलित नेता को भी पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया।
पुरानी घटनाओं का जिक्र करते हुए प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस पहले भी अगाह करती रही है कि भाजपा की केंद्र सरकार में दलितों का सर्वाधिक उत्पीड़न हुआ है, लगातार उनके खिलाफ मॉब लिन्चिंग की घटनाएं बढ़ी हैं। देश भर में चाहे वह रोहित वेमुला हत्याकाण्ड हो या फिर ऊना, इलाहाबाद एवं सहारनपुर की घटना। दलितों पर जिस कदर भाजपा सरकार में अत्याचार बढ़े, उसका नतीजा है कि आज सांसद सावित्री बाई फुले ने भी पार्टी से इस्तीफा देकर भाजपा का दलित विरोधी चेहरा जनता के सामने उजागर कर दिया है।
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मुकेश सिंह चौहान ने कहा कि बीजेपी में सावित्री बाई फुले दलित चेहरा होने के नाते उत्पीड़न होने की पहली घटना नहीं है। इससे पहले भी भाजपा के राबटर्सगंज से सांसद छोटेलाल खरवार ने प्रधानमंत्री को बकायदा पत्र लिखकर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी द्वारा उन्हें अपने कार्यालय से अपमानित कर भगाने का आरोप लगाया था। अब भाजपा का दलित, वंचित, शोषित, अल्पसंख्यक, पिछड़ा विरोधी चेहरा खुलकर देश एवं प्रदेश की जनता के सामने आ गया है, जिसका खामियाजा आने वाले चुनाव में उसे उठाना पड़ेगा।