आरयू ब्यूरो, लखनऊ। लंबे समय से 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण के मामले को लेकर अभयर्थी लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं गुरुवार को आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने भाजपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। वे राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट लागू कर नियुक्ति की मांग कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इस दौरान उनकी नोकझोक भी हुई। काफी मशक्कत के बाद पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों को वहां से खदेड़ दिया। वहीं अभ्यर्थियों ने पुलिस पर उनका मोबाइल छीनने व उनके साथ मारपीट करने का भी आरोप लगाया है।
अभ्यर्थियों ने कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग की अनदेखी की वजह से भर्तियां नहीं हो पा रही हैं। हम बीते कई महीनों से मंत्री से मुख्यमंत्री तक को मांग पत्र दे चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई। थक हारकर हमें मजबूरन सड़क पर उतरना पड़ रहा है। हम तब तक प्रदर्शन करेंगे। जब तक हमारी मांगों को मान नहीं लिया जाएगा।
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मालूम हो कि इससे पहले सभी अभ्यर्थी अचानक मुख्यमंत्री आवास बीते 12 जुलाई को पहुंच गए थे। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे अभ्यर्थियों को देखकर पुलिस के हाथ पांव फूल गए थे। आनन-फानन में पुलिस ने सभी को हटाया था। प्रदर्शनकारियों में वह लोग ज्यादा थे, जो भर्ती प्रक्रिया में शामिल भी नहीं हुए। बावजूद इसके वे प्रक्रिया में धांधली का आरोप और नए पदों पर भर्ती की मांग कर रहे थे।
आरोप है कि प्रदेश में शिक्षकों के रिक्त पदों की संख्या बहुत ज्यादा है। ऐसे में अभी कम से कम 22 हजार बहाली और की जा सकती है। प्रदर्शनकारी इस दौरान लगातार सीट बढ़ाने को लेकर नारे लगा रहे थे। उनके हाथों में अपनी मांगों से जुड़े पोस्टर भी थे।