बोले CM योगी, “शिक्षामित्रों का चयनित होना क्षमता का प्रमाण, चंदा वसूलने वालों और शिक्षक भर्ती को लेकर भी कहीं ये बातें”

क्षमता का प्रमाण
कार्यक्रम को संबोधित करते सीएम साथ में शिक्षा मंत्री व वरिष्ठ अधिकारी गण।

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नवनियुक्‍त 31,277 शिक्षकों में 6675 शिक्षामित्र भी हैं। ये उनकी क्षमता का प्रमाण है, जबकि हमसे पहले की सरकारों ने उनकी क्षमता का पूरा इस्तेमाल न करके शार्टकर्ट अपनाया। हमारे लिए खुशी की बात है क्योंकि उन्हें निकालने की बात हो रही थी।

शुक्रवार को सीएम योगी पांच कालिदास मार्ग स्थित कार्यक्रम में नवनियुक्‍त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे। इस दौरान योगी ने पांच शिक्षकों को नियुक्ति पत्र भी सौंपा।

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सीएम योगी ने आज कहा कि इस शिक्षक भर्ती में नवंबर, 2019 तक नियुक्ति पत्र देने की तैयारी में थे, लेकिन जो लोग नहीं चाहते थे कि शिक्षा का उन्नयन हो और यूपी की बुनियादी शिक्षा आगे बढ़े, उन्होंने इसे बाधित करने का प्रयास किया। अब भी मामला सुप्रीम कोर्ट में है। हम मजबूत पैरवी करेंगे और शेष अभ्यर्थियों को जल्द नियुक्ति पत्र देंगे।

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सीएम योगी ने आज शिक्षामित्रों की तारीफ करते हुए यह भी कहा है कि मैं लगातार शिक्षामित्रों से कहता था कि आप मेहनत कीजिए, धैर्य रखिए, हम आपको अवसर देंगे। 31277 नवनियुक्‍त शिक्षकों में 6675 शिक्षामित्रों का होना गौरव की बात है।

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वहीं विपक्षी दल पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए मुख्‍यमंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों ने शार्टकर्ट का रास्ता अपनाया। कोर्ट ने इसे खारिज किया, लेकिन हमने कहा कि इन्हें भारांक देकर नियुक्ति का प्रयास करेंगे।

इस दौरान चंदे के नाम पर शिक्षामित्रों को लूटने वाले नेताओं का जिक्र भी सीएम ने करते हुए कहा कि शिक्षमित्रों से चंदा लेकर भी इन्हें भटकाने की कोशिशें हुईं। हमने तीन सालों तक गालियां भी सुनी, लेकिन याद रखें, योग्यता का कोई विकल्प नहीं है।

आरक्षण के मानकों का किया गया पालन

वहीं भर्ती को लेकर उठ रहें सवाल पर सीएम ने कहा कि इसमें आरक्षण के मानकों का पालन किया गया है। 8513 ओबीसी, 6615 एससी और 216 एसटी के अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। साढ़े तीन सालों में कई परिवर्तन देखने को मिले। 68500 और 69000 शिक्षक भर्ती की।

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साथ ही सीएम योगी ने कहा कि पिछले साढ़े तीन साल से प्रदेश में छात्रों की संख्या 50 लाख से अधिक बढ़ी है। आज प्रदेश में 1.60 हजार स्कूलों में ज्यादातर बुनियादी सुविधाओं से लैस हैं। लाइब्रेरी व स्मार्ट क्लास चल रहे हैं। 100 दिनों के अंदर हर सरकारी स्कूल में शुद्ध पेयजल की व्यवस्था पाइपलाइन से करेंगे। ऑनलाइन शिक्षा से बहुत सारे परिवार नहीं जुड़ पा रहे। इसलिए गांव में कुछ बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कैसे पढ़ा सकते हैं, इस पर योजना बनानी चाहिए।

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कार्यक्रम का संचालन अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने किया। कार्यक्रम में बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी, मुख्य सचिव आरके तिवारी, अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल, महानिदेशक विजय किरन आनंद, निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह समेत अन्‍य वरिष्‍ठ अधिकारी भी मौजूद रहें।