आरयू वेब टीम। कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका लगा है। टिकट नहीं मिलने से नाराज पूर्व उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी ने बुधवार को विधान परिषद सदस्य और भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। वहीं कई नेताओं ने बगावत तेवर अपना लिए हैं। दरअसल भाजपा ने मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी की। इस सूची में राज्य के कई दिग्गज भाजपा नेताओं का नाम नहीं है।
वहीं भाजपा से इस्तीफा देने के बाद लक्ष्मण सावदी ने कहा कि मैंने अपना फैसला कर लिया है। मैं एक स्वाभिमानी नेता हूं, मैं किसी के सामने भीख का कटोरा लेकर नहीं घूमूंगा। इसके साथ ही पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मैं किसी के बहकावे में आकर ये काम नहीं कर रहा हूं।
गौरतलब है कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने कल 189 उम्मीदवारों की अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी। राजधानी दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय से जैसे ही भाजपा के उम्मीदवारों की घोषणा हुई, कर्नाटक में कुछ दिग्गज नेताओं ने लिस्ट में अपना नाम नहीं होने पर बगावत शुरू कर दी। छह बार के विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार को भाजपा आलाकमान ने चुनाव नहीं लड़ने के लिए कहा है। पार्टी ने शेट्टार से दूसरों के लिए रास्ता तैयार करने के लिए कहा है। वहीं, जगदीश शेट्टार ने पार्टी नेतृत्व के इस फैसले पर असहमति जताई है। जिसके बाद अब भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शेट्टार को दिल्ली बुला लिया है।
इस दौरान जगदीश शेट्टार ने कहा कि मुझे पार्टी हाईकमान के फोन आया कि मैं दूसरों को चुनाव लड़ने का अवसर दूं। मैंने उनको बताया कि मैं भाजपा के लिए पिछले 30 साले से काम कर रहा हूं। मेरा परिवार जनसंघ के दौर से राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ और भाजपा से जुड़ा है। मैंने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया है। मैं छह बार विधायक चुना गया हूं।
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मैंने हाईकमान से पूछा कि मेरे चुनाव न लड़ने का क्या कारण है? क्या सर्वे कहता है कि मैं चुनाव जीत नहीं पाऊंगा? मेरी हाईकमान से विनती है कि मुझे सातवीं बार चुनाव लड़ने का मौका दिया जाए। उन्होंने कहा कि मुझे पहले बता दिया गया होता तो यह सम्मानजनक होता। मैं पार्टी नेतृत्व के इस फैसले से आहत हूं। मैं किसी भी कीमत पर इस बार विधानसभा चुनाव लड़ूंगा।