आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। एक ओर समान कार्य समान वेतन के लिए लंबे समय से परेशान शिक्षामित्र योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले है। वहीं दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी ने शिक्षामित्रों की समस्या के लिए सीधे तौर पर पूर्व की अखिलेश सरकार को दोषी करार दिया है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने आज प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए दावा किया कि योगी सरकार शिक्षा में सुधार के लिए निरन्तर प्रयासरत है। बेसिक शिक्षकों की भर्ती में टीईटी के साथ लिखित परीक्षा कराएं जाने का निर्णय भी इसी कड़ी में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वहीं उन्होंने पूर्व की अखिलेश सरकार को शिक्षामित्रों के लिए दोषी बताते हुए कहा कि पिछली सरकार ने वोट बैंक के लालच में अवैध तरीके से शिक्षामित्रों का समायोजन कर दिया था, यही वजह है कि अब तक शिक्षामित्रों को भी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।
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दूसरी ओर मंगलवार को लिए गए योगी के कैबिनेट के फैसले की तारीफ करते हुए प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि योगी सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में शिक्षामित्रों को जहां भारांक दे रही है वही लिखित परीक्षा कराकर भर्तियों में पारदर्शिता कर गुणवत्ता सुधार भी कर रही है।
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साथ ही राकेश त्रिपाठी ने यह भी दावा किया कि बेसिक शिक्षा बदहाल दशा से गुजर रही थी, छात्र संख्या में निरन्तर गिरावट आ रही थी। पिछले पांच वर्षो में बेसिक विद्यालयों में लगभग 23 लाख छात्रों की संख्या कम हो गयी थी, जबकि योगी सरकार बनने के बाद इसमें 2 लाख से ज्यादा बढ़ोत्तरी हुई है।
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योगी सरकार का गुणगान करते हुए प्रदेश प्रवक्ता ने यह भी कहा कि पहली बार बेसिक विद्यालय के छात्रों को जूता-मोजा और स्वेटर देने का निर्णय लिया गया है। वहीं उन्होंने कहा कि इस बार माध्यामिक शिक्षा में नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए सीसीटीवी युक्त विद्यालय परिसरों की अनिवार्यता बड़ा बदलावा देखने को मिलेगा।
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