प्रदर्शन में पहुंचे आप सांसद ने पूछा, जल्लीकट्टू के लिए बदल सकता है कानून तो शिक्षामित्रों के लिए क्‍यों नहीं

शिक्षामित्रों को आप का समर्थन
शिक्षामित्रों को समर्थन देने लखनऊ के ईको गार्डेन पहुंचे आप के सांसद संजय सिंह।

आरयू ब्‍यूरो,

लखनऊ। सूबे की राजधानी लखनऊ में सुहागिन शिक्षामित्रों के सामूहिक मुंडन कराने के बाद से शिक्षामित्रों की समस्‍या पर लगातार योगी सरकार घिरती नजर आ रही है। दो दिन पहले सदन में शिक्षामित्रों का मुद्दा उठाने वाले आम आदमी पार्टी के राज्‍यसभा सांसद संजय सिंह ने शनिवार को लखनऊ के ईको गार्डेन में चल रहे शिक्षामित्रों के प्रदर्शन में शामिल होकर न सिर्फ उनका दर्द बांटा बल्कि मोदी और योगी सरकार पर भी जमकर हमला बोला।

आप के राष्‍ट्रीय प्रवक्‍ता की जिम्‍मेदारी संभालने वाले संजय सिंह ने आज ईको गार्डेन में सवाल उठाते कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसंद के सचिव की नियुक्ति एवं जल्लीकट्टू के लिए कानून पर अगर संशोधन हो सकता है तो गरीबी, भुखमरी, अवसाद व आत्‍महत्‍याओं के दौर से गुजर रहे एक लाख 72 हजार शिक्षामित्रों के परिवारों के लिए कानून में बदलाव क्यों नहीं किया जा रहा है।

न्‍याय मांगने पर मिल रही लाठी और मुकदमें

महिलाओं के मुंडन पर आप सांसद ने कहा कि ये बेहद शर्मनाक बात है कि भाजपा सरकार में महिला शिक्षकों को सिर मुड़वाने और ब्राह्मण शिक्षकों को अपने जनेऊ तक उतारने पड़ रहे हैं। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि अब तक सात सौ से ज्‍यादा शिक्षामित्रों की जानें जा चुकी है। जबकि भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में तीन महीने के अंदर शिक्षामित्रों की समस्या के समाधान का वादा किया था, लेकिन योगी सरकार ने समाधान करना तो दूर अधिकार मांगने पर भी शिक्षामित्रों को न्याय दिलाने की जगह उनपर उलटा लाठियां ही चलवाने और मुकदमें लिखवाने का काम किया है।

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उत्तराखंड जैसे प्रावधान यूपी में क्‍यों नहीं हो सकता लागू

संजय सिंह ने आगे कहा कि समान शासनादेश से यूपी और उत्तराखंड दोनों प्रदेशों में शिक्षामित्रों की नियुक्ति हुई थी। उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों का डिमोशन हो गया, जबकि उत्तराखंड में समान शासनादेश से एक ही समय में नियुक्त शिक्षामित्र  सहायक अध्यापक का वेतन पा रहे हैं। उन्‍होंने इस पर भी भाजपा सरकार से सवाल उठाते हुए आज पूछा कि ऐसा क्यों है कि उत्तराखंड जैसे प्रावधान उत्तर प्रदेश में लागू नहीं हो सकते हैं।

योगी सरकार चाहे तो शिक्षामित्रों को दे सकती है तत्‍काल राहत

योगी सरकार पर हमला जारी रखते हुए आप सांसद ने दावा किया कि योगी सरकार चाहे तो सुप्रीम कोर्ट का समान कार्य-समान वेतन का आदेश लागू कर शिक्षामित्रों को तत्‍काल राहत दे सकती है, लेकिन शिक्षामित्रों का पूरा मामला जानने के बाद भी मुख्यमंत्री सिर्फ कमेटी गठित कर शिक्षामित्रों को बेवकूफ बना मात्र उनका आंदोलन समाप्‍त करवाना चाहते हैं।

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सड़क से लेकर संसद तक शिक्षामित्रों का साथ देगी आप

वहीं शिक्षामित्रों से मिलने के बाद संजय सिंह ने मीडिया से कहा कि शिक्षामित्रों के साथ सरासर अन्‍याय किया जा रहा है, इ‍सलिए आम आदमी पार्टी शिक्षामित्रों की लड़ाई में सड़क से लेकर संसद तक उनके साथ है। साथ ही वो खुद दिल्ली में विपक्ष के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर शिक्षामित्रों की समस्या के समाधान के लिए न सिर्फ बात करेंगे, बल्कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री से भी मिलकर शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर स्‍थायी रूप से तत्काल नियुक्ति और मृत शिक्षामित्रों के परिवारों को मुआवजा देने का तत्काल प्रभाव से आदेश जारी करने की मांग करेंगे।

शिक्षामित्रों ने दिया आप को धन्‍यवाद

वहीं इस दौरान आम शिक्षक/शिक्षामित्र एसोसिएशन की अध्‍यक्ष उमा देवी समेत अन्‍य शिक्षामित्रों ने आम आदमी पार्टी और सांसद संजय सिंह का उनके इस संघर्ष में साथ देने के लिए विशेष रूप से धन्यवाद दिया और कहा कि आम आदमी पार्टी ने देश के सर्वोच्य सदन में शिक्षामित्रों के मुद्दे को उठाकर लाखों शिक्षामित्रों के लिए संजीवनी का कार्य किया है।

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…तो महिलाएं सिर मुड़ाकर और पुरुष जनेऊ उतारकर करेंगे भाजपा के खिलाफ प्रचार

साथ ही उमा देवी ने भाजपा सरकार पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अगर योगी सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तो आगामी लोकसभा चुनाव में बिना जनेऊ के पुरुष शिक्षक और सिर मुड़वाकर महिला शिक्षक घर-घर जाकर भाजपा के खिलाफ प्रचार करेंगी।

ये भी रहें मौजूद

शिक्षामित्रों के प्रदर्शन में शामिल होने वालों में आज संजय सिंह के अलावा प्रदेश प्रवक्‍ता वैभव महेश्‍वरी, असद अब्बास, नवनीत, संगठन संयोजक अजय गुप्ता, प्रितपाल सिंह सलूजा, सोनी निगम, केके श्रीवास्तव, अनिकेत सक्सेना समेत आप के अन्‍य नेता व कार्यकर्ता मौजूद रहें।

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