आरयू ब्यूरो,
लखनऊ। समायोजन रद्द होने के बाद से लगातार हो रही शिक्षामित्रों की मौत पर आज आदर्श समायोजित शिक्षक/शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष जितेंद्र शाही ने एक बार फिर सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिक्षामित्रों के लिए गुहार लगायी है।
जितेंद्र शाही ने अपने बयान में शिक्षामित्रों को निर्दोष बताते हुए कहा कि 25 जुलाई 2017 के बाद से करीब पौने दो लाख शिक्षामित्र अवसाद में जीवन जीने के साथ ही लगातार जान दे रहें हैं। वहीं बड़ी संख्या में शिक्षामित्रों की मौत अवसाद और हार्ट अटैक के चलते भी हो चुकी है।
हाल के महीनें में जान गंवाने वाले शिक्षामित्रों के नाम पता और तैनाती की जानकारी के साथ जितेंद्र शाही ने एक लिस्ट जारी करते हुए कहा कि अब तक सौ से ज्यादा निर्दोष शिक्षामित्र मुंह का निवाला छिन जाने के चलते असमय दुनिया से विदा हो चुके हैं।
उन्होंने आगे कहा कि ये वही शिक्षामित्र हैं जिन्होंने उस समय शिक्षा की बागडोर संभाली थी जब उत्तर प्रदेश में न सिर्फ बेसिक शिक्षा का बुरा हाल था, बल्कि विद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे थे। कमी को दूर करते हुए उन्होंने बेसिक शिक्षा को बुलंदी पर लाकर खड़ा किया।
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जितेंद्र शाही ने मांग करते हुए कहा कि इन तमाम बातों को देखते हुए योगी सरकार को शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने का रास्ता निकालने के अलावा समान कार्य समान वेतन की मांग को पूरा करना चाहिए। जिससे शिक्षामित्रों की मौतों का सिलसिला बंद हो सके और शिक्षामित्र फिर से अपनी व परिवार की जीविका चला सके।
भर्ती पर लगायी जाए रोक
साथ ही प्रदेश अध्यक्ष ने 68500 वाली भर्ती पर भी रोक लगाने की मांग योगी सरकार से की है। उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों को किनारे करते हुए भर्ती से उनके बीच और निराशा फैलेगी। जो आने वाले समय में घातक रूप ले सकती है।
न उठाएं ऐसा कदम की बिखर जाए परिवार
आए दिन शिक्षामित्रों की आत्महत्या और अन्य कारणों से हो रही मौतों के बाद आज एक बार फिर जितेंद्र शाही ने शिक्षामित्रों से अपील की है कि वे अवसाद में आकर कोई ऐसा कदम ना उठाएं जिससे उनका परिवार ही बिखर जाए। उन्होंने कहा है कि यदि हम अपनों के बीच रहेंगे तो एक दिन पुनः अध्यापक बनकर समाज में सिर उठाकर जी सकेंगे, लेकिन आप खुद ही सुरक्षित नहीं रहेंगे तो संघर्ष कैसे करेंगे।
दो दिन में चली गयी तीन शिक्षामित्रों की जानें
वहीं आदर्श समायोजित शिक्षक/शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय प्रवक्ता सैय्यद जावेद मियां ने बताया कि एटा निवासी अवागढ़ में कार्यरत समायोजित शिक्षामित्र मनमोहन सिंह ने नौकरी जाने एवं विभागीय उपेक्षा के चलते 12 फरवरी को फांसी लगाकर जान दे दी।
जबकि संतकबीर नगर के ब्लॉक मेहदावल व गांव कुशौना निवासी शमशुल हक की हॉर्ट अटैक से मौत हो गयी। शमशुल हक तृतीय बैच के असमायोजित शिक्षामित्र थे। वहीं उन्नाव के बांगरमऊ में कल शिक्षमित्र ताराचन्द्र यादव की भी हॉर्ट अटैक से असमय जान चली गयी।
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इसके अलावा नीचे देंखे बुधवार को समायोजित शिक्षक/शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से जारी की गयी सूची-
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