आरयू वेब टीम। राज्य मामलों की जांच के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ को दी गई आम सहमति को महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने वापस ले लिया है। जिसके बाद अब किसी भी मामले की जांच के लिए सीबीआइ को पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी। वहीं सीएम उद्धव ठाकरे के इस फैसले की पैरवी करते हुए गुरुवार को पार्टी के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता संजय राउत ने जायज ठहराया है।
मीडिया से बात करते हुए संजय राउत ने आज कहा, ‘एक राष्ट्रीय मुद्दे के मामले में, सीबीआइ के पास जांच करने का अधिकार है। राज्य के मामलों में पहले से ही हमारी पुलिस द्वारा जांच की जा रही है, इसमें हस्तक्षेप के कारण हमें यह निर्णय लेना पड़ा।’ उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि ‘सीबीआइ छोटे-छोटे मामलों में भी घुसने लगी। सीबीआइ का अपना एक वजूद है। महाराष्ट्र जैसे राज्य में अगर कोई राष्ट्रीय कारण हैं तो उन्हें जांच करने का अधिकार है।’
यह भी पढ़ें- कॉलर पकड़ना-धक्का मारना, राहुल गांधी के साथ यूपी पुलिस के इस बर्ताव का देश में कोई नहीं कर सकता समर्थन: संजय राउत
उन्होंने आगे कहा, ‘मुंबई या महाराष्ट्र पुलिस ने किसी विषय पर जांच शुरू की, किसी और राज्य में एफआइआर दाखिल की जाती है वहां से केस सीबीआइ को जाता है और सीबीआइ महाराष्ट्र में आ जाती है। अब ये नहीं चलेगा, महाराष्ट्र और मुंबई पुलिस का अपना एक अधिकार है जो संविधान ने दिया।’
बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान के सदस्यों को एक कानून के तहत राज्य में शक्तियों और न्यायक्षेत्र के इस्तेमाल की सहमति को वापस लेने संबंधी एक आदेश बुधवार को जारी किया था। जिसके अनुसार सीबीआइ को अब राज्य में शक्तियों और न्यायाक्षेत्र के इस्तेमाल के लिए आम सहमति नहीं होगी, जो महाराष्ट्र सरकार द्वारा 22 फरवरी, 1989 को जारी एक आदेश के तहत दी गई थी और उसे किसी मामले की जांच के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी।