बोले अखिलेश, मुख्यमंत्री अपनी ही सुरक्षा को लेकर इतना ज्यादा चिंतित है कि जनता की दहशत के बारे में सोचने का उनके पास समय नहीं

जान की कोई कीमत

आरयू ब्‍यूरो, लखनऊ। यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की सुरक्षा को लेकर शनिवार को सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने सवाल उठाया है। अखिलेश के अनुसार सीएम अपनी ही सुरक्षा को लेकर इतने ज्‍यादा समय तक चिंतित रहते हैं कि यूपी की जनता के डर के बारे में सोचना का उनके पास समय ही नहीं बचा है।

इस बारे में आज अखिलेश ने अपने एक बयान में मीडिया से कहा है कि प्रधानमंत्री की तरह यूपी के सीएम की सुरक्षा-व्यवस्था और ज्यादा पुख्ता कर दी गई है। कैबिनेट बाई सर्कुलेशन से संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। इसे ग्रीन बुक में भी दर्ज किया जाएगा। प्रधानमंत्री के सुरक्षा प्रबंधन का ब्यौरा ब्लू बुक में होता है, उसके अध्ययन के बाद मुख्यमंत्री की ग्रीन बुक का रिव्यू किया गया है। वैसे जबसे मुख्यमंत्री सत्‍ता में आए है, बराबर उनकी सुरक्षा रिव्यू होती रही है, लेकिन सवाल यह उठता है कि जब साल 2020 में भी मुख्यमंत्री की सुरक्षा को इतना खतरा है तो अंदाजा लगाएं प्रदेश की जनता किस हाल में है?

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हमला जारी रखते हुए अखिलेश ने कहा है कि भाजपा राज में रोज हत्या, बलात्कार, लूट की खबरों के साथ दिन की शुरूआत हो रही, शाम तक और ज्यादा गहराती अपराध की घटनाएं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2019 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अनुसूचित जाति और जनजाति उत्पीड़न संबंधी कुल मामलों में 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश में महिलाओं के विरूद्ध अपराध के सर्वाधिक 59,853 मामले दर्ज हुए जिसमें 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों के साथ दुष्कर्म की प्रदेश में 272 घटनाएं पुलिस रिकार्ड का हिस्सा बनीं। 2019 में बलात्कार के 3,065 मामले दर्ज हुए। वहीं मुख्यमंत्री अपनी सुरक्षा पर ही इतना ज्यादा चिंतित है कि प्रदेश की जनता की दहशत भरी जिंदगी के बारे में सोचने का उन्हें समय ही नहीं।

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अखिलेश ने आगे कहा है कि ताजा घटनाओं का ही ब्यौरा लें तो भाजपा राज में भाजपाई नेता भी असुरक्षित है। गाजियाबाद के मुरादनगर क्षेत्र से भाजपा विधायक के मामा की निर्ममता से हत्या कर दी गईं। आजमगढ़ में बीडीएस सदस्य को गोलीमारी गई। मऊ में युवक, इटावा में महिला, गौरीगंज (अमेठी) में बुजुर्ग का गला रेता गया, कन्नौज में किसान युवक और गाजियाबाद में तनख्वाह लूटने के बाद फैक्ट्री कर्मी की हत्याएं हुईं। बाराबंकी में युवक का शव फतेहपुर कस्बे में ईदगाह के पास मिला तो फतेहपुर में शिक्षिका की हत्या के बाद पुलिस ने उसका शव तीन घंटे एंबुलेंस में रखा, नीचे नहीं उतारने दिया।