आरयू ब्यूरो, लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि राज्य बदल गया है और अब वह बीमारू राज्य की श्रेणी से बाहर निकल कर ‘सक्षम’ राज्य बनने की राह पर है। मुख्यमंत्री ने यहां आयोजित एक कार्यक्रम में 1,573 एएनएम स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को नियुक्तिपत्र वितरण करने के बाद अपने संबोधन में कहा, “अपेक्षित विकास के अभाव में कई प्रदेश आज भी बीमारू राज्य का ‘टैग’ लेकर चल रहे हैं, जबकि उत्तर प्रदेश इससे बाहर निकल चुका है।
नीति आयोग के आंकड़े इसका सुबूत हैं।” आदित्यनाथ की टिप्पणियां नीति आयोग द्वारा सोमवार को जारी उस रिपोर्ट पर थी जिसमें भारत में 2015-16 और 2019-21 के बीच 13.5 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले हैं। इसमें उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और ओडिशा में गरीबी के स्तर में सबसे तेज गिरावट आई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2015-16 में यूपी में लगभग छह करोड़ लोग गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करते थे। ‘‘हमारे प्रयासों से 2019-20 में गरीबी रेखा से नीचे के लोगों का प्रतिशत 37.68 प्रतिशत से घटकर 22 प्रतिशत हो गया। वर्तमान में यह सभी को आश्चर्यचकित करते हुए यह 12 प्रतिशत पर है।”
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साथ ही योगी ने ये भी कहा, ”हमने उन जिलों की पहचान की जो विकास की दौड़ में पिछड़ गए थे। इनमें बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, बदायूं, सीतापुर, सिद्धार्थनगर, संभल, खीरी, हरदोई और बांदा जिले शामिल हैं। ये सभी आकांक्षी जिले थे। फिर हमने सौ आकांक्षी ब्लॉकों का चयन किया और उन्हें विकसित करना शुरू किया।”
वहीं राज्य की पूर्व की सरकार पर निशाना साधते हुए योगी ने कहा कि पिछली सरकार के शासनकाल में राज्य के युवाओं को पहचान के संकट का सामना करना पड़ता था। “जब भी सरकारी रिक्तियों की घोषणा की जाती थी, चाचा-भतीजे की जोड़ी लोगों से धन इकट्ठा करने के लिए निकल जाती थी। आज, कोई भी राज्य आयोग या बोर्ड पर उंगली नहीं उठा सकता है।”