योगी की कैबिनेट ने दी ट्रांसफर पॉलिसी को मंजूरी, तीन साल बाद हो सकेंगे तबादले

योगी की कैबिनेट
फाइल फोटो।

आरयू ब्यूरो,लखनऊ। योगी सरकार ने मंगलवार को तबादला नीति-2022 को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगी है। अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस नीति के तहत 15 से 30 जून तक तबादले किए जाएंगे। वहीं, योगी सरकार ने पुलिस विभाग में 40 हजार भर्तियां करने का भी ऐलान किया है।

वहीं नई ट्रांसफर नीति-2022 में एक जिले में तीन साल और एक मंडल में सात साल की नौकरी कर चुके समूह ‘क’, ‘ख’ और ‘ग’ के सभी कर्मचारी शामिल हैं। वे ट्रांसफर के लिए एप्लाई कर सकते हैं। इसमें हर साल करीब 20 प्रतिशत कर्मचारियों का ट्रांसफर हो सकेगा। अनुमान है कि इस साल कम से कम दो लाख कर्मचारियों का रुटीन तबादला होगा।

राज्य में कर्मचारी वर्ग ट्रांसफर नीति का लंबे वक्त से इंतजार कर रहा था। वजह थी कि तीन साल से प्रदेश में ट्रांसफर पर रोक लगी हुई थी। सबसे पहले 12 मई 2020 को कुछ प्रतिबंधों के साथ ट्रांसफर पर रोक लगा दी गई थी। 2020 और 2021 में कोविड की वजह से तबादला नहीं हो पाया था। तब से कर्मचारी इसी नीति का इंतजार कर रहे हैं। प्रदेश में राज्य कर्मचारियों की संख्या दस लाख है।

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संयुक्त कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष हरि किशोर तिवारी का कहना है कि ट्रांसफर नीति लाने में सरकार ने देरी की है। अप्रैल में ज्यादा कर्मचारी बच्चों का एडमिशन करा लेते हैं। बच्चों के एडमिशन के बाद अब कौन ट्रांसफर लेगा? यह एक बड़ी समस्या है। सरकार को इसे थोड़ा पहले लाना चाहिए था।

योगी सरकार पुलिस में 40 हजार भर्ती भी करेगी। वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने ट्वीट करके यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग में 40 हजार भर्ती के लिए चयन बोर्ड से मंजूरी मिल गई है। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी ने बताया कि रेडियो शाखा में 2430, कांस्टेबल और इसके समकक्ष पदों के लिए 26382, कांस्टेबल पीएसी के 8540, जेल वार्डन के 1582 सहित अन्य पदों पर भर्ती होगी। हालांकि, सरकार का यह फैसला कैबिनेट बैठक से अलग है।

इन फैसले पर भी लगी मुहर

उत्तर प्रदेश फार्मास्यूटिकल उद्योग नीति 2018 में संशोधन किया है। इकाइयों में सब्सिडी, कौशल विकास और स्टांप ड्यूटी में छूट दी जाएगी। नोएडा में मेडिकल डिवाइस पार्क की स्थापना होगी।

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बीहड़ बंजर और जलभराव वाले इलाकों में पंडित दीनदयाल उपाध्याय योजना के तहत 74 जिलों में कृषक मजदूरों को लाभार्थी बनाया जाएगा। लघु एवं सीमांत किसानों और जनजाति किसानों को जमीन आवंटन की जाएगी।

उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक द्वारा अगले एक साल तक स्वयं के निजी संसाधनों के लिए ऋण दिया जाएगा। यह राशि पहले 500 करोड़ थी।

कैबिनेट बैठक में पीलीभीत बाघ संरक्षण फाउंडेशन का स्वरूप बदलकर इसका गठन समिति के रूप में किया जाएगा।

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