प्रेसवार्ता में बोले राहुल, “सिर्फ लॉकडाउन से नहीं हारेगा कोरोना, मोदी सरकार को दिए सुझाव, जनता से भी कि एकजुट होने की अपील”

चाय बागान

नई दिल्ली। भारत में फैले कोरोना वायरस के संकट के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्‍यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार को घेरा है। राहुल गांधी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि केवल लॉकडाउन ही कोरोना वायरस का समाधान नहीं है, वैश्विक महामारी के खिलाफ लड़ाई जीतना है तो सरकार को बड़े स्तर पर टेस्टिंग करनी होगी। वायरस के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार टेस्टिंग है।

एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि कोरोना वायरस से देश में हालात काफी गंभीर है, इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार को और बड़े कदम उठाने होंगे। बड़े पैमाने पर टेस्टिंग करनी होंगी जिससे आपको अंदाजा लग जाता है कि वायरस किस दिशा में बढ़ रहा है। ऐसे में आप वायरस को आइसोलेट कर सकते हैं, टारगेट कर सकते हैं और फाइट कर सकते हैं। राहुल गांधी ने आगे कहा हैं कि हमारी परीक्षण दर एक लाख में से 199 है, पिछले 72 दिनों में हमने जितने भी परीक्षण किए हैं, उनमें से प्रत्येक के लिए औसतन 350 परीक्षण हैं।

प्रेसवार्ता में उन्होंने कहा, हम एक गंभीर स्थिति में हैं। कोरोना संकट के बीच सभी राजनीतिक दलों को एक साथ आना होगा। मीडिया के माध्‍यम से राहुल ने देशवासियों से एकजुट रहने की अपील करते हुए कहा कि वायरस हमें एकजुट होकर रहने का संदेश दे रहा है। राहुल ने कहा कि बहुत लोगों को डर लग रहा है कि बेरोजगारी होगी, भोजन नहीं मिलेगा। आपको डरने की जरूरत नहीं है। देश इस वायरस को हरा देगा, मगर हमको एकजुट होकर लड़ना होगा। वायरस हमें यह संदेश दे रहा है कि अगर हम एक हो गए तो उसे हरा देंगे और बंट गए तो फिर हम हार जाएंगे। पूरा हिन्दुस्तान एकजुट होकर इससे लड़ेगा। कांग्रेस पार्टी सरकार को सकारात्मक सुझाव देना चाहती है। भले सरकार ले या ना ले। वायरस को हराने के बाद हिन्दुस्तान तेजी से आगे बढ़ सकता है। मगर हमें बिना डरे लड़ना होगा।

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उन्होंने आगे कहा कि पिछले दो महीनों में मैंने कई विशेषज्ञों से बात की है, कोरोना वायरस के लिए लॉकडाउन सिर्फ पॉज बटन है। इससे महामारी खत्म नहीं होगी, लॉकडाउन हटने के बाद एक बार फिर संक्रमित मरीजों की संख्या में इजाफा होगा। लॉकडाउन सिर्फ एक तय समय देगा ताकि आप तैयारी कर सको।

मोदी से नहीं, वायरस से लड़ने का समय

पीएम मोदी से कहां कमी रह गई के सवाल पर राहुल गांधी ने कहा कि जिस दिन कोविड-19 को हिंदुस्तान ने हरा दिया, उस दिन बताऊंगा कि सरकार से कमी कहां रह गई। आज मैं कंस्ट्रक्टिव सजेशन देना चाहता हूं, तू-तू-मैं-मैं नहीं करना चाहता। उन्होंने कहा कि मैं बहुत सी बातों में नरेंद्र मोदी से असमहत होता हूं, मगर आज मोदी जी से लड़ने का समय नहीं, बल्कि एकजुट होकर कोरोना वायरस से लड़ने का समय है।

जाति-धर्म को भूलकर होगा वायरस से लड़ना 

राहुल गांधी ने कहा कि देशभर में लॉकडाउन को रणनीति के तहत खोलना होगा। उन्होंने कहा कि अगर बीमारी से लड़ना हो तो हिन्दुस्तान को जाति-धर्म को भूलकर एक होना पड़ेगा। जहां हिन्दुस्तान ने बीच में लड़ाई की, बात वहीं खत्म हो जाएगी। इस बीमारी के लिए बड़े पैमाने पर जांच होनी चाहिए। इससे किसी को नुकसान नहीं है। उन्होंने देशवासियों से कहा कि आपको इस कोरोना वायरस से डरने की जरूरत नहीं है। भारत इससे लड़ेगा और जीतेगा। यह थोड़ा कठिन और मुश्किल जरूर है, मगर हम सब मिलकर इससे लड़ेंगे। भारत जानता है कि किस परेशानी से कैसे लड़ा जाता है।

मेडिक और इकोनॉमी मोर्चे परे होगा कोरोना से लड़ना

उन्होंने कहा, ”कोरोना से लड़ने के लिए मेडिकल और इकोनॉमी दोनों मोर्चे पर लड़ना होगा। खाद्य क्षेत्र को मजबूत कीजिए, जरूरतमंदों को राशन कार्ड दीजिए। बेरोजगारी आने वाली है। उससे लड़ने की तैयारी कीजिए। सिर्फ लॉकडाउन के जरिए वायरस खत्म करते-करते कहीं इकॉनॉमी न पूरी तरह चौपट कर लें। कोविड महामारी मैनेज हो सकता है खत्म नहीं हो सकता। इसे बेहतर तरीके से मैनेज करना है।’

मद्द के लिए केंद्र सरकार चाहे तो न्‍याय योजना का बदल दे नाम

कांग्रेस नेता ने आगे कहा, आने वाले समय में देश में राशन की कमी हो सकती है जिस स्पीड से जरूरतमंद लोगों के पास पैसा पहुंचना चाहिए, वो पहुंच नहीं रहा है। गोदामों में राशन पड़ा है, लेकिन वह लोगों तक नहीं पहुंच रहा है। राहुल गांधी ने सरकार को सलाह देते हुए कहा, इस समय न्याय योजना लागू करने की जरूरत है जो लोग गरीब हैं उन्हें पैसा चाहिए। राहुल ने कहा, केंद्र सरकार चाहे तो न्याय योजना का नाम बदल सकती है, लेकिन कोरोना संकट में लोगों की मदद के लिए इस काम को किया जाना जरूरी है। बिना राशनकार्ड वालों को भी अनाज मिले साथ ही खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित कीजिए, जिनके पास राशनकार्ड नहीं हैं उन्हें भी राशन दिया जाना चाहिए। सीधे गरीबों के खाते में पैसे भेजिए। सरकार छोटे और लघु उद्योगों के लिए पैकेज तैयार करे ताकि रोजगार न छिने।

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