आरयू ब्यूरो, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की दस सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए बसपा के प्रत्याशी रामजी गौतम ने सोमवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल किया। इस दौरान पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा समेत बीएसपी के सभी 18 विधायक मौजूद रहे।
बसपा के राष्ट्रीय कोआर्डिनेटर रामजी गौतम के नामांकन के साथ ही अब राज्यसभा की खाली सीटों के लिए मतदान होना तय हो गया है। राज्यसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार के उतरने से निर्विरोध निर्वाचन की संभावना खत्म हो गई है। ऐसा माना जा रहा है कि मायावती के इस दांव से भाजपा के नौ सदस्यों के जीतने की राह जहां कठिन हो गई है, वहीं सपा व कांग्रेस के सामने भी दुविधा की स्थिति खड़ी हो गई है।
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दरअसल, विधायकों की संख्या के आधार पर होने वाले इस चुनाव में भाजपा के आठ व सपा के एक सदस्य की जीत तय है। भाजपा का एक और सदस्य तब ही जीत सकता है जब विपक्ष साझा प्रत्याशी न खड़ा करे। न बसपा और न ही कांग्रेस खुद के दम पर अपना प्रत्याशी जिता सकती है।
वहीं विधानसभा में मौजूदा सदस्य संख्या के आधार पर जीत के लिए किसी भी प्रत्याशी को 36 वोटों की आवश्यकता होगी। भाजपा ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन उसके आठ उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित है। सपा ने अपना एक उम्मीदवार रामगोपाल यादव का नामांकन कराकर स्पष्ट कर दिया कि उसके पास दस वोट अतिरिक्त होने के बावजूद वह किसी और को खड़ाकर वोटों की जोर आजमाईश में उतरना नहीं चाहती है।