आरयू ब्यूरो, लखनऊ। 2019 से जेल में बंद उत्तर प्रदेश के बसपा सांसद अतुल राय को वाराणसी की एक कोर्ट ने शनिवार को बलात्कार के आरोप से बरी कर दिया, हालांकि उनके खिलाफ अन्य लंबित मामलों के कारण उन्हें जेल से रिहा नहीं किया जाएगा। कोर्ट ने सबूतों के अभाव में बसपा सासद अतुल राय को बरी किया है।
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वाराणसी एमपी-एमएलए कोर्ट के एडिशनल (अपर) जिला न्यायाधीश सियाराम चौरसिया इस मामले की सुनवाई कर रहे थे। नैनी जेल में बंद अतुल राय वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए थे। अतुल राय बहुजन समाज पार्टी से राज्य के पूर्वी हिस्से की घोसी लोकसभा सीट से सांसद हैं। बलिया की रहने वाली एक 24 वर्षीय युवती ने राय पर बलात्कार का आरोप लगाया था। मामला दर्ज होने के बाद सांसद अतुल राय फरार हो गए थे, लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने सरेंडर कर दिया था। इस मामले में पिछले 36 महीने से वह प्रयागराज की नैनी जेल में बंद हैं।
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गौरतलब है कि युवती ने इस केस के चश्मदीद गवाह के साथ सुप्रीम कोर्ट के गेट पर खुद को आग लगा ली थी, इस दौरान युवती ने फेसबुक पर भी लाइव आकर आप बीती सुनाते सिस्टम से हारने की बात कहते हुए दोनों खुद को आग के हवाले कर दिया था। समूहिक आत्मदाह के वीडियो के वायरल होते ही देश भर में हड़कंप मच गया था। वहीं गंभीर रूप से घायल युवती व युवक को दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां नौ दिनों के बाद दोनों की मौत हो गई थी। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि वाराणसी पुलिस, जहां उसने मामला दर्ज करवाया था, जेल में बंद सांसद और उनके रिश्तेदारों के साथ मिलीभगत कर रही थी।
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खुद को आग लगाने से पहले महिला और उसके दोस्त ने फेसबुक लाइव वीडियो किया था। वीडियो में, उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस पर सांसद और उनके रिश्तेदारों के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया था। दोनों ने कहा था कि उन्हें न्याय की उम्मीद नहीं है। अतुल राय इस मामले में यूपी पुलिस द्वारा दायर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में भी आरोपित हैं और जुलाई में इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी जमानत खारिज कर दी थी।