बजट सत्र के अभिभाषण में बोले राष्‍ट्रपति, गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण, नए कृषि कानूनों कि तारीफ भी की

बजट सत्र
बजट सत्र में अभिभाषण देते राष्‍ट्रपति।

आरयू वेब टीम। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को बजट सत्र के पहले दिन संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित किया। इस दौरान 26 जनवरी को प्रदर्शनकारी किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान लाल किले पर धार्मिक ध्वज फहराने की घटना को गणतंत्र दिवस पर तिरंगे का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। वहीं राष्‍ट्रपति ने तीन कृषि कानूनों कि तारीफ भी की।

साथ ही ये भी कहा कि संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए। राष्‍ट्रपति ने कहा कि ‘‘व्यापक विमर्श के बाद संसद ने सात महीने पूर्व तीन महत्वपूर्ण कृषि सुधार, कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार विधेयक, और आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक पारित किए हैं।’’

वहीं राष्‍ट्रपति ने तीन कृषि कानूनों की तारीफ करते हुए कहा कि कहा, ‘‘इन कृषि सुधारों का सबसे बड़ा लाभ भी 10 करोड़ से अधिक छोटे किसानों को तुरंत मिलना शुरू हुआ। छोटे किसानों को होने वाले इन लाभों को समझते हुए ही अनेक राजनीतिक दलों ने समय-समय पर इन सुधारों को अपना भरपूर समर्थन दिया था।’’साथ ही इस बात पर जोर दिया, ‘‘वर्तमान में इन कानूनों के क्रियान्वयन देश की सर्वोच्च अदालत ने स्थगित किया हुआ है। मेरी सरकार उच्चतम न्यायालय के निर्णय का पूरा सम्मान करते हुए उसका पालन करेगी।’’

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रामनाथ कोविंद ने कहा कि ‘‘पिछले दिनों तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए।’’ कोविंद ने कहा, ‘‘मेरी सरकार यह स्पष्ट करना चाहती है कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है। बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं।’’

राष्‍ट्रपति ने बताया, ‘‘कृषि को और लाभकारी बनाने के लिए मेरी सरकार आधुनिक कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर पर भी विशेष ध्यान दे रही है। इसके लिए एक लाख करोड़ रुपए के एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत की गई है। उल्लेखनीय है कि किसानों के आंदोलन के मुद्दे को लेकर कांग्रेस समेत करीब 20 पार्टियों ने राष्ट्रपति के अभिभाषण का बहिष्कार भी कर दिया है।

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